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    भागलपुर : मदरसा जामिया शहबाजिया में इस्लामी शिक्षा के साथ कंप्‍यूटर, हिंदी, अंग्रेजी और गणित पढ़ना होगा अनिवार्य

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 23 May 2022 08:47 PM (IST)

    भागलपुर के मुल्लाचक शरीफ स्थित मदरसा जामिया शहबाजिया में नए सत्र का शुभारंभ खानकाह शहबाजिया के गद्दीनशीं सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब ने किया। उन्‍होंने बच्‍चों को पढ़ाया। अब यहां इस्लामी शिक्षा के साथ कंप्‍यूटर हिंदी अंग्रेजी और गणित पढ़ना अनिवार्य होगा।

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    भागलपुर : मदरसा जामिया शहबाजिया में छात्रों को पढ़ाते (बायें) गद्दीनशीं सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। मुल्लाचक शरीफ स्थित मदरसा जामिया शहबाजिया में सोमवार को नए सत्र का शुभारंभ खानकाह शहबाजिया के गद्दीनशीं सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब ने छात्रों को पढ़ाकर किया। नए सत्र में मदरसा के छात्रों को कंपयूटर की भी शिक्षा दी जाएगी।

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    गद्दीनशीं सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब ने बताया कि मदरसा के छात्रों के लिए अरबी, फारसी और उर्दू के अलावा हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों को भी अनिवार्य कर दिया गया है। नए सत्र से छात्रों को कंपयूटर की भी शिक्षा दी जाएगी। कंपयूटर की शिक्षा लेने से मदरसा के छात्र सभी क्षेत्रों में दक्ष हो सकेंगे। इस मौके पर मदरसा जामिया शहबाजिया के हेड मुदर्रिस मुफ्ती मौलाना मु. फारूक आलम अशरफी मिस्बाही ने छात्रों को मदरसे के नियम का पालन करने के साथ दिल लगाकर पढऩे की ताकीद की। मदरसा के मुदर्रिस कारी अबुल कलाम ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

    कंप्‍यूटर शिक्षा से छात्रों में बदलाव आएगा

    गद्दीनशीं सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब ने कहा, कंप्‍यूटर शिक्षा से छात्रों में बदलाव आएगा। यह समय की मांग भी है। इस्लामी शिक्षा के साथ कंपयूटर, हिंदी, अंग्रेजी और गणित की शिक्षा ग्रहण कर मदरसा जामिया शहबाजिया के छात्र सभी क्षेत्र में परचम लहरा सकते हैं। मदरसा में रह कर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को शिक्षा के साथ भोजन और आवासीय सुविधा भी मुफ्त दी जाती है। शहबाजिया प्रबंधन सभी सुविधाएं उपलब्ध कराता है। यहां अध्यन करने वाले छात्र मदरसे के नियम व कानून को आत्मसात कर नियत समय पर शिक्षा ग्रहण करते है। मुख्यरूप से हेड मुदर्रिस मौलाना मुफ्ती फारूक आलम, अशरफी मिस्बाही और मुदर्रिस कारी अबुल कलाम छात्रों को पढ़ाने का काम करते हैं। सभी छात्र अनुशासन के साथ मदरसा में रहते हैं। यहां से हाफिज, आलिम व फाजिल की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों की सालाना उर्स के मौके पर दस्तारबंदी और दस्तार फजीलत होती है।