Bhagalpur Bridge Collapse: जहां ध्वस्त हुआ पिलर, वहीं बनना था एशिया का डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर
खगड़िया के अगुवानी व भागलपुर के सुल्तानगंज के बीच 1710.77 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा फोरलेन पुल रविवार शाम भरभराकर गंगा नदी में समा गया। अगुवानी की ओर से पिलर संख्या 10 11 12 और निर्माणाधीन आधा 13 नंबर पिलर पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
भागलपुर, अभिषेक प्रकाश। अगुवानी-सुल्तानगंज फोरलेन पुल का पिलर (पिलर संख्या 10) जहां ध्वस्त हुआ वहीं एशिया के पहले डॉल्फिन ऑब्जर्वेशन सेंटर का निर्माण होना था। इस घटना के बाद डॉल्फिन की गतिविधियों को नजदीक से देखने के लिए बनाए जा रहे प्रोजेक्ट को जोरदार झटका लग गया। बताया गया कि आब्जर्वेशन सेंटर चार मंजिला बनना था। दो मंजिल पुल के ऊपर और दो पुल के नीचे बनाया जाता।
लोगों की सुविधा के लिए लिफ्ट व कैफेटेरिया का भी निर्माण कराया जाना था। पिलर संख्या 10 की चौड़ाई 100 फीट होती, जिसपर 75 गाड़ियों के लिए पार्किंग स्थल का निर्माण कराया जाता। पर इस घटना के बाद बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट कम से कम दो साल पीछे चला गया। मिली जानकारी के मुताबिक गंगा के बीच में पिलर संख्या 10 के मध्य भाग का निर्माण हो चुका था। इसके दोनों बगल के पिलर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका था।
यहां पर दोनों तरफ 25 सौ वर्ग मीटर के क्षेत्र को विकसित करना था। ऐसा होता ऑब्जर्वेशन सेंटर आब्जर्वेटरी बिल्डिंग पारदर्शी होती। जिसमें चारों तरफ शीशा लगा होता, ताकि लोग डॉल्फिन की गतिविधयों को स्पष्ट रूप से देख सकें। नीचे जाने के लिए सीढ़ी के साथ-साथ अत्याधुनिक लिफ्ट की सुविधा होती।
इसके अलावा यहां पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया और ऊपर बने पार्किंग में 75 गाड़ियों को रखने की व्यव्स्था होती। पुल बनने के बाद इसके रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक पुल निर्माण करने वाली कपंनी की होती। डॉल्फिन आब्जर्वेशन सेंटर के साथ-साथ अगुवानी छोर पर पर्यटकों के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण भी होना था।