Bhagalpur: ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर आया अपडेट, AAI ने सर्वे ऑफ इंडिया से मांगा 1:50000 स्केल का नक्शा
AAI ने सर्वे ऑफ इंडिया से 1:50000 स्केल का नक्शा मांगा है। यह नक्शा विमानन संबंधी कार्यों के लिए आवश्यक है। निदेशालय ने इस संबंध में सर्वे ऑफ इंडिया क ...और पढ़ें

AAI ने सर्वे ऑफ इंडिया से मांगा 1:50000 स्केल का नक्शा
जागरण संवाददाता, भागलपुर। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर सर्वे ऑफ इंडिया के 1:50000 स्केल के नक्शा की मांग की है। साथ ही प्रस्तावित हवाई अड्डे के स्थल के 30 किलोमीटर के दायरे में भूभाग स्थलाकृति का भी विवरण मांगा है। भूमि संबंधी डेटा की भी मांग की है। हवा की गति, किस दिशा की हवा अधिक बहती है आदि की भी जानकारी मांगी है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उड़ान और लैंडिंग में बाधा बनने वाले अवरोधों की सूची व साइट क्लीयरेंस संबंधी तकनीकी विवरण मांगा है। हवाई अड्डा के लिए 432.32 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि आवंटित कर दी गई है।
एयरपोर्ट निर्माण के मार्ग में आने वाली तकनीकी और भू-परिस्थितिगत चुनौतियों को समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन तेजी से काम कर रहा है। जिला प्रशासन रिपोर्ट तैयार कर रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया आगे की कार्रवाई शुरू करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर हवाई अड्डा, रनवे आदि का निर्माण होगा।
1:50,000 स्केल का नक्शा
1:50,000 स्केल का नक्शा भारत के स्थलाकृतिक मानचित्रों का एक महत्वपूर्ण सेट है, जिसमें जमीन की ऊंचाई, सड़कें, नदियां, प्रशासनिक सीमाए जैसी विस्तृत जानकारी होती है।
यह मानचित्र दर्शाता है कि नक्शे पर एक सेंटीमीटर, असल जिंदगी में 50,000 सेंटीमीटर यानी 0.5 किलोमीटर (500 मीटर) की दूरी के बराबर होता है, और ये आम जनता और विकास कार्यों के लिए उपयोगी हैं, जिन्हें ''ओपन सीरीज मैप्स'' के तहत जारी किया जाता है।
वायुयान संगठन निदेशालय के अनुरोध पर जमीन अधिग्रहण का काम होगा शुरू
अजगैवीनाथ धाम (सुल्तानगंज अंचल) में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनेगा। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की 931 एकड़ जमीन अधिग्रहण के लिए मंत्रीमंडल सचिवालय ने चार सौ 72 करोड़ 72 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। हालांकि जिला प्रशासन के 855 एकड़ जमीन को चिह्नित कर लिया है।
चिह्नित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। जमीन अधिग्रहण के लिए राशि स्वीकृत होने के बाद विभाग की ओर से सर्वे का काम शुरू हो जाएगा। साथ ही भागलपुर हवाई अड्डा का पूर्व व्यवहार्यता अध्ययन के लिए एक करोड़ 21 लाख 58 हजार रुपये जारी कर दिए गए हैं।
भारतीय विमानपतन प्राधिकरण नई दिल्ली से भागलपुर हवाई अड्डा का पूर्व व्यवहार्यता अध्ययन कराया जाएगा। साथ ही भागलपुर हवाई अड्डों के लिए अवरोध सीमा सतह सर्वेक्षण कराने की प्रशासनिक एवं व्यय स्वीकृति दी गई है। इस कार्य पर दो करोड़ 90 लाख 91 हजार 720 रुपये (माल एवं सेवा कर सहित) व्यय होगा।
अवरोध सीमा सतह सर्वेक्षण का उद्देश्य हवाई अड्डे के चारों ओर ऐसे सभी अवरोधों की पहचान और माप करना है, जो विमान की उड़ान या उतरने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। इसमें ऊंची इमारतें, पेड़, टावर, बिजली के खंभे, पहाड़ व अन्य संरचनाएं शामिल हैं। सर्वेक्षण के दौरान रनवे के चारों ओर तथा उड़ान और अवतरण पथ के भीतर तय ऊंचाई और दूरी की सीमा की गहन जांच की जाएगी।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नई दिल्ली सर्वेक्षण कार्य पूरा करेगा। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकतानुसार अवरोधों को हटाने, ऊंचाई सीमा तय करने और सुरक्षा मानकों के अनुरूप विकास कार्य किए जाएंगे।
सर्वेक्षण पूरा होने के बाद हवाई अड्डे के मास्टर प्लान में आवश्यक बदलाव कर निर्माण और संचालन से जुड़ी तकनीकी तैयारियां की जाएंगी। इससे भागलपुर हवाई अड्डे के निर्माण कार्य में तेजी आएगी और भविष्य में यहां से बड़े विमानों की सुरक्षित उड़ान संभव हो सकेगी।

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