Bhagalpur College of Engineering में हिंसक झड़प के बाद बुरा हाल, Ragging के डर से BCE हास्टल में दुबके छात्र
Bhagalpur College of Engineering भागलपुर कालेज आफ इंजीनियरिंग में बार-बार बवाल होने के पीछे यहां के एंटी-रैगिंग तंत्र की नाकामी है। बीते दिन मारपीट की घटना के बाद गंभीर रूप से घायल छात्र को सीएनएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं दो दिन पूर्व छात्रों के बीच हुई भिड़ंत का मामला फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। आधा दर्जन से अधिक मुकदमे थाने में दर्ज हैं।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। Bhagalpur College of Engineering भागलपुर कालेज आफ इंजीनियरिंग इन दिनों शिक्षा से ज्यादा गुटबाजी और रैगिंग की घटनाओं के कारण चर्चा में है। शुक्रवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई हिंसक भिड़ंत का मामला एक बार फिर पिछली घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में जाते दिख रहा है। घटना के दो दिन बीतने के बावजूद न कालेज प्रशासन छात्रों पर सख्ती के मूड में है और न पुलिस की कार्रवाई तेज हुई है। दरअसल, इंजीनियरिंग कालेज में शैक्षणिक गतिविधियों की तुलना में रैगिंग और गुटबाजी का माहौल अधिक हावी हो गया है। इसलिए नए छात्रों के नामांकन के साथ ही कैंपस में तनाव बढ़ जाता है और छात्र गुटों में बंटकर आपस में भिड़ जाते हैं।
बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने के दौरान शुरू हुई मारपीट
घटना उस समय हुई जब छात्र प्रशासनिक भवन के समीप बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने पहुंचे थे। अचानक दूसरे गुट ने उन पर हमला कर दिया। हमलावर छात्र हेलमेट, हाकी बैट और डंडों से लैस थे। घबराए छात्र इधर-उधर भागने लगे, लेकिन उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। इससे कैंपस में अफरातफरी और दहशत का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि बायोमेट्रिक कक्ष के समीप ही यह घटना हुई, जहां प्राचार्य और कुछ शिक्षक भी मौजूद थे। उनके सामने ही छात्रों ने बवाल काटा और मारपीट की।
गंभीर रूप से घायल एक छात्र का पटना में चल रहा इलाज
शुक्रवार को दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत में कई छात्र घायल हो गए थे। जिनमें से गंभीर रूप से घायल एक छात्र को पटना रेफर किया गया है। वह फिलहाल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। जख्मी छात्र के स्वजन के आवेदन पर औद्योगिक थाना में मामला दर्ज किया गया है। इसमें कुछ नामजद और कई अज्ञात छात्रों को आरोपित बनाया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पूर्व में हुई घटनाओं को लेकर आधा दर्जन से अधिक मुकदमे थाना में दर्ज हैं।
कालेज प्रबंधन ने कहा- कभी भी हो सकती है अप्रिय घटना
कालेज प्रशासन की स्थिति भी चिंताजनक है। कालेज के प्राचार्य डा. ओमप्रकाश राय का कहना है कि रैगिंग के कारण ही गुटबाजी और मारपीट की घटनाएं होती हैं। एंटी-रैगिंग कमेटी मौजूद है, लेकिन संसाधनों की कमी और छात्रों की अधिक संख्या के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है। कालेज में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और किसी भी अप्रिय घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि कालेज को 45 फैकल्टी की स्वीकृति है, लेकिन वर्तमान में केवल 12 फैकल्टी ही कार्यरत हैं। यदि इनमें से एक या दो अवकाश पर चले जाएं, तो स्थिति और बिगड़ जाती है।
हास्टल खाली करने का आदेश, पर छात्र नहीं जा रहे
प्राचार्य डा. ओमप्रकाश राय का कहना है कि कैंपस की बाउंड्री वाल जगह-जगह टूटी हुई है, जिससे बाहरी लोगों का प्रवेश भी संभव हो जाता है। बाढ़ और फ्लड प्रोटेक्शन वाल की कमी से स्थिति और जटिल हो जाती है। फिलहाल, फर्स्ट ईयर के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों को हास्टल खाली करने के लिए कहा गया है, लेकिन छात्र हास्टल नहीं छोड़ रहे हैं। औद्योगिक प्रक्षेत्र के थानेदार नीरज कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और कालेज प्रशासन यदि किसी प्रकार का पुलिस से सहयोग चाहेगा, तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
वर्ष 2024 की बड़ी घटनाएं, सबक नहीं ले सका प्रबंधन
25 नवंबर : रैगिंग को लेकर प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र आपस में भिड़ गए थे। देर तक बवाल हुआ था। सूचना पर पहुंची जीरो माइल पुलिस के साथ उग्र छात्रों ने दुर्व्यवहार किया। पथराव कर दिया। उपद्रवी छात्रों ने महिला सिपाहियों के साथ अभद्रता की सीमा लांघ दी। पुलिसकर्मियों को मुख्य सड़क तक खदेड़ दिया। इस घटना में करीब 300 छात्र घायल हुए थे। दर्जन भर से ज्यादा छात्र और फैकल्टी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हुए। मामले की गंभीरता को देखते जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर एवं पुलिस उपाधीक्षक नगर को मामले की जांच सौंपी थी। घटना के बाद कालेज को अनिश्चितकाल के लिए बंद करना पड़ता था।
18 सितंबर : कालेज के सेकेंड और थर्ड ईयर के छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई। दोनों तरफ से 10-10 छात्रों पर के खिलाफ थाना में आवेदन दिया गया। पुलिस ने दोनों आवेदनों पर केस दर्ज कर लिया।
15 जून : प्रशासनिक भवन में वायवा के दौरान तीसरे वर्ष के छात्रों के दो गुटों के बीच जमकर लात घूसे चले। एक पक्ष से तीन और दूसरे पक्ष से एक छात्र घायल हो गये थे। चार छात्रों का जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराना पड़ा था। उसके बाद दोनों पक्षों की ओर से थाने में केस भी दर्ज कराया गया। एक पक्ष से सात तो दूसरे पक्ष ने छह को नामजद बनाया।
15 मार्च : रात्रि को कुछ उपद्रवी छात्रों ने छात्रावास समेत पूरे कैंपस में जमकर तोड़फोड़ की। कुछ छात्रों के साथ मारपीट तक की गई। यह मामला भी पुलिस पदाधिकारियों और स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों के संज्ञान में आया था। कालेज प्रशासन ने उपद्रवी छात्रों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी।
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