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तीन दशक से बंद है बनमनखी चीनी मिल, हर चुनाव में केवल रह जाता है मुद्दा बनकर

1967 में यहां बनमनखी चीनी मिल खोला गया था लेकिन वह भी सरकारी उदासीनता का शिकार होकर बंद हो गयी। हर चुनाव में नेता इसे खुलवाने का वादा करते हैं। इस बार भी जब चुनाव का समय आया है तो इसको लेकर बड़े-बड़े वायदे किए जाने लगे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 11:06 PM (IST)
तीन दशक से बंद है बनमनखी चीनी मिल, हर चुनाव में केवल रह जाता है मुद्दा बनकर
बंद पडा पूर्णियां का बनमनखी चीनी मिल

पूर्णिया, जेएनएन। पूॢणया जिले का इतिहास जितना पुराना है यहां की समस्याएं भी उतनी ही गहरी है। यहां के लोगों के रोजगार का प्रमुख साधन कृषि है लेकिन न तो यहां कृषि आधारित उद्योग लगाए जा सके हैं और न ही किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल पाता है। 1967 में यहां बनमनखी चीनी मिल खोला गया था लेकिन वह भी सरकारी उदासीनता का शिकार होकर बंद हो गयी। हर चुनाव में नेता इसे खुलवाने का वादा करते हैं। इस बार भी जब चुनाव का समय आया है तो मंत्री ने जल्द ही चीनी मिल शुरू कराने का वादा किया है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रयास शुरू नहीं हो पाया।

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बनमनखी (अजा) विधानसभा क्षेत्र बनमनखी प्रखंड के 27 पंचायत एवं एक नगर पंचायत सहित बी कोठी प्रखंड के 11 पंचायतों को मिलाकर बनाया गया है। देश की आजादी से लेकर वर्तमान समय तक यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित रहा है। पौराणिक एवं ऐतिहासिक संपदाओं से आच्छादित इस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 1980 तक कांग्रेसी विधायक चुने जाते रहे। पहली बार वर्ष 1990 में भाजपा का कब्जा हुआ है तथा वर्ष 1995 को छोड़कर वर्ष 2000 से लगातार यहां भाजपा के विधायक चुने जाते रहे हैं। वर्तमान विधायक कृष्ण कुमार ऋषि वर्ष 2005 से लगातार इस क्षेत्र के विधायक चुने जा रहे हैं तथा वर्तमान में बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री भी हैं ।

बनमनखी का एकमात्र औद्योगिक संस्थान बनमनखी चीनी मिल पिछले 30 साल से बंद है। चीनी मिल बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए। स्थानीय हजारों लोगों का रोजगार एक झटके में चला गया। सभी को आज तक मिल फिर से खुलने का इंतजार है। चीनी मिल बंद हुई यहां के किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चीनी मिल बंद होने का व्यापक प्रभाव यहां के बाजार पर भी पड़ा है। हर चुनाव में चीनी मिल का मुद्दा तेजी से उठता रहा है परन्तु चुनाव के बाद पुन: यह ठंडे बस्ते में पड़ जाया करता है। अब तो इस मिल के खुलने की संभावना भी पूरी तरह से क्षीण हो गई है। मिल की 119 एकड़ भूमि को सरकार ने वियाडा को स्थानांतरित कर दिया है ।

गत चुनाव के दौरान विधायक द्वारा विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रमुख सड़कों के पक्कीकरण करने, प्रत्येक गांव तक बिजली पहुंचाने के साथ चीनी मिल को खुलवाने का भी वादा किया था। हालांकि विधायक ने किए गए वादों में से अधिकांश पूरे किए हैं लेकिन चीनी मिल खुलवाने का वादा अधूरा रह गया है।

जानकारों का कहना है कि चीनी मिल की 119 एकड़ जमीन बियाडा को हस्तांतरित कर दी गई है। यदि नए सिरे से सरकारी स्तर पर या किसी उद्योगपति को यहां चीनी मिल लगाने के लिए आमंत्रित किया जाए तो यहां फिर से मिल में सीटी बज सकती है।

बनमनखी विधानसभा क्षेत्र का 15 वर्षों से प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक सह बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि कहते हैं कि गत चुनाव में जनता से किए लगभग वायदे पूरे किए हैं। उनका कहना है कि, जर्जर हो चुके बनमनखी चीनी मील खुलवाने हेतु सरकार के स्तर से तीन बार निविदा निकाली गई है परन्तु कोई उद्योगपति सामने नहीं आए। तब सरकार ने मिल की 119 एकड़ जमीन बियाडा को स्थानांतरित कर दिया है। अब सरकार नए सिरे से चीनी मिल की जमीन पर उद्योग लगाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले कार्यकाल में अगर मौका मिला तो मिल को खुलवाने में पूरी शक्ति लगा देंगे।


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