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    Bakrid 2022 : भागलपुर ईदगाह व मस्जिद में बकरीद की नमाज, कुर्बानी के बाद दुआ को उठे हाथ

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2022 02:54 PM (IST)

    Bakrid 2022 पिछले दो सालों से कोरोना को लेकर सार्वजनिक रूप से नमाज पर थी पाबंदी खुलकर मिले गले दी बधाई। जिले में विधि व्यवस्था को लेकर चौक-चौराहों व ...और पढ़ें

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    Bakrid 2022 : महामारी से निजात दिलाने की भी अल्लाह से विशेष दुआ

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bakrid 2022 : भागलपुर जिले में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जा रही है। मीठी ईद के ठीक दो महीने बाद बकरीद आती है। शहर के ईदगाह मैदान और मस्जिदों में रविवार की सुबह बकरीद की नमाज के लिए अदा की गई। नमाज के बाद सभी ने गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी। सूर्योदय होते ही ईदगाह की ओर लोगों के कदम बढ़ते चले गए। सुबह 10.30 बजे तक ईदगाहों में खुतबा पढ़ाया और नमाज अदा करने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद कुर्बानी की रस्म अदा की गई। शहर व भागलपुर के आसपास के तमाम प्रखंडों के मस्जिदों में नमाज अदा की गई। मौलानाचक, शाहमार्केट, शाहजंगी, तातारपुर ,बरहपुरा, सीटीएस मैदान के अलावे कई दरगाह में बकरीद की नमाज अदा की गई। सभी ने एक दूसरे से गले मिलकर स्वस्थ रखने की दुआ की। पिछले दो सालों से कोरोना को लेकर बकरीद की नमाज सार्वजनिक रूप से समूह में अदा नहीं की गई थी लेकिन इस बार लोगों ने एक दूसरे के साथ मिलकर हजारों की संख्या में नमाज में शामिल हुए और नमाज के बाद एक दूसरे के गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी। हजारों की संख्या में अकीकतमंदों ने जामा मस्जिद में पर नमाज अदा की और देश में शांति, अमन चैन की दुआ मांगी। बड़े हो या बच्चे सभी गले मिलकर एक दूसरे को ईंद की मुबारकबाद देते नजर आये।

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    भावनाओं का कद्र करने की अपील

    मौलाना ने कुर्बानी के महत्व पर प्रकाश डाला और विश्व कल्याण के लिए सराहनीय कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर भी एक जानवर छिपा है। जो हमें गलत रास्ते पर ले जाता है। क्रोध, लोभ, ईष्र्या आदि सभी बुराइयों खान यही है। बकरीद पर हमें अपने भीतर छिपे जानवर की भी कुर्बानी देना चाहिए। नेकी पर चलने वाले बंदे ही अल्लाह को पसंद होते हैं। कुरान ए पाक से मिलने वाले संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने से अल्लाह खुश होते हैं। मुसलिम धर्म गुरु ने ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने के साथ ही ईद के फर्ज भी समझाया। लोगों को अमन चैन, भाईचारिगी और मोहब्बत से रहने का पैगाम दिया। इस बार खास तौर पर दूसरों की भावनाओं का ख्याल रखें। खुले में जानवरों की कुर्बानी न दें। विरादरे वतन के जज्बात करते हुए मवेशी के अवशेष को जहां-तहां नहीं फेंकने और खून को नाले में नहीं बहाने की अपील की गई। नगर निगम ने लोगों की सुविधा के लिए जगह-जगह गड्ढा खोदा गया था।

    यहां इन्होंने अदा कराई नमाज

    नाथनगर कर्णगढ़ मैदान में मौलाना अंसार ने शांति और सछ्वाव के लिए नमाज अदा कराई। जबकि तबरेज रहमानी ने खुतबा पढ़ाया और नेकी के रास्ते पर चलने की नमाजियों से अपील की। कर्णगढ़ मैदान में करीब 50 हजार लोगों ने नमाज अदा की। तातारपुर मस्जिद में मौलाना शोहराब अशरफी, शाहजंगी में मौलाना सैयद शाह शानदार आलम शहबाजी, खानकाह शहबाजिया में गद्दीनशीं मौलाना सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी और शाह मार्केट मस्जिद में सज्जादानशीं मौलाना सैयद फखरे आलम हसन ने नमाज अदा कराया। भीखनपुर में करारी नसीम अशरफी, कबीरपुर में मौलाना जियाउल हक ने नमाज अदा कराई। इसके बाद कुर्बानी को तीन हिस्से में बांटा गया। पहला गरीबों, दूसरा रिश्तेदार और दोस्तों के लिए एवं तीसरा हिस्सा स्वयं के लिए रखा। यह सिलसिला मंगलवार को सूर्यास्त के पहले तक चलता रहेगा।

    मेले का भी आयोजन : तीन दिवसीय बकरीद को लेकर शाहजंगी, तातारपुर, कर्णगढ़, हुसैनाबाद और बरहपुरा में मेले का आयोजन किया गया। बच्चों ने जमकर मेले का आनंद लिया।