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    बड़ी दुर्गा मंदिर मुंगेर : मुस्लिम बाहुल्‍य क्षेत्र में दरभंगा महाराज ने वर्ष 1841 में कराया निर्माण, महाआरती के समय अद्भुत दृश्‍य

    By JagranEdited By: Dilip Kumar shukla
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 09:57 AM (IST)

    बड़ी दुर्गा मंदिर मुंगेर हवेली खड़गपुर की बड़ी दुर्गा मंदिर मजहबी एकता और सामाजिक सौहार्द्र का प्रतीक है। 1841 ई. में राजा कामेश्वर सिंह ने बड़ी दुर्गा ...और पढ़ें

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    बड़ी दुर्गा मंदिर मुंगेर : सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है यह मंदिर।

    मुंगेर। नगर परिषद हवेली खड़गपुर की बड़ी दुर्गा मंदिर धार्मिक आस्था का विशिष्ट केंद्र होने के साथ मजहबी एकता और सामाजिक सौहार्द्र का प्रतीक है। 180 वर्ष पूर्व 1841 ई. में राजा कामेश्वर सिंह दरभंगा महाराज ने बड़ी दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया था। मुस्लिम बाहुल्य आबादी के बीच स्थित यह मंदिर आपसी सद्भाव जागृत कर रहा है। इस मंदिर में मन्नतें मांगने वाले श्रद्धालुओं की मुरादें पूरी होती है।

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    मंदिर का इतिहास

    मंदिर में शंख और घंटी की प्रतिध्वनियों के बीच महाआरती और समीप के मस्जिद से अजां के स्वर जब गूंजते है तो दोनों धर्मों का मेल सद्भाव का वातावरण मजबूत करता है। पिछले 15 वर्षों से मंदिर में हो रही मंगलवार की सप्ताहिक संध्या महाआरती ने एक विशिष्ट परंपरा के तहत लोगों में धार्मिक, सांस्कृतिक चेतना के साथ सामाजिकता के भाव जागृत किए है। मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में हिन्दू मुस्लिम बड़ी संख्या में शामिल होकर एक साथ जयकारे लगाते हैं। भव्य और खूबसूरत मंदिर की नई शक्ल आज लोगों की आस्था के विशेष केंद्र के रूप में धार्मिक ख्याति अर्जित कर ली है।

    • - सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है, बड़ी दुर्गा मंदिर
    • - 180 वर्ष पूर्व 1841 ई. में दरभंगा महाराज ने कराया था मंदिर का निर्माण
    • - मुस्लिम आबादियों के बीच सद्भाव और एकता की मिशाल है बड़ी दुर्गा मंदिर
    • - मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में हिन्दू व मुस्लिम एक साथ लगाते हैं जयकारे
    • - मंदिर में शंख की प्रतिध्वनि, आरती और समीप के मस्जिद से अजान के स्वर जगाते है मिल्लत के भाव
    • - मंगलवार की सप्ताहिक महाआरती जगाता है धार्मिक अलख
    • - नवरात्र में हर दिन की जाती है बिशेष महाआरती

    शारदीय नवरात्र की पहली पूजा से ही संध्या महाआरती में शामिल होने को हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सुरक्षा को लेकर समिति सदस्यों की जिम्मेदारी बटी हुई है। श्रद्धालुओं और मेले की व्यवस्था की देखरेख में विभिन्न विभागों के सदस्य नियुक्त किए गए है जो कर्तव्यपूर्वक अपनी सेवाएं देते है। - राकेश चंद्र सिन्हा, अध्यक्ष।

    प्रत्येक मंगलवार को महाआरती होती है। खासकर दुर्गा पूजा में विशेष महाआरती होती है। तत्पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है। - सुभाष झा, पुजारी।