बेटी थी, जन्म लेते ही झाड़ी में फेंक दी गई
अररिया में बेटी के जन्म देने के बाद उसकी मां ने उसे झाड़ी में फेंक दिया। रानीगंज के हांसा में झाड़ी में किसान को मिली नवजात। बाल कल्याण समिति के द्वारा नवजात का रानीगंज रेफरल अस्पताल में हुई जांच बच्ची स्वस्थ्य।

संवाद सूत्र, रानीगंज (अररिया)। बेटी के जन्म लेते ही मां ने अपने ही कलेजे के टुकड़े को झाड़ी में फेंककर भाग गयी। मामला रानीगंज के हांसा पंचायत के एक गांव का है। यहां पर खेत में बांस की बिट्टी में नवजात बच्ची मिली थी। रानीगंज के हांसा पंचायत के बबलू पासवान ने बताया कि वे शनिवार को दिन के करीब दस बजे खेत में गाय चराने गए थे। इस बीच खेत के बगल में बांस की बिट्टी में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दिया। इसके बाद जब बांस की बिट्टी में गए तो खून से सने कपड़े में एक नवजात बच्ची रो रही थी।
नवजात बच्ची को लेकर बबलू पासवान अपने घर आ गया। बबलू के घर में मेहमानी आये उनका ससुर इंदरपुर बड़हरा निवासी हीरालाल पासवान था। बबलू ने नवजात बच्ची को अपने ससुर हीरालाल पासवान को दे दिया। इसके बाद हीरालाल पासवान बच्ची को लेकर अपने घर बड़हरा आ गया। इस बीच नवजात बच्ची की देखभाल हीरालाल पासवान व उनकी पत्नी रंजना देवी ने किया। शनिवार की देर शाम को हांसा के किसी व्यक्ति ने नवजात बच्ची के मिलने की सूचना जिला बाल कल्याण समिति अररिया को दिया।
सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति के राम किशोर मंडल, प्रीति कुमारी, अनामिका कुमारी, व दो महिला पुलिस बल के साथ हांसा गांव बबलू पासवान के घर पहुंचे। यहां पर बबलू ने बाल कल्याण समिति के लोगों को नवजात बच्ची को अपने ससुर को देने की बात कही। इसके बाद टीम के सदस्य बबलू के साथ बड़हरा निवासी हीरालाल पासवान के घर पहुंचे। यहां पर जिला बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने नवजात बच्ची को लेकर रानीगंज रेफरल अस्पताल पहुंचे।
रानीगंज रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची की कोविड समेत अन्य जांच किया। डॉक्टर ने बताया की बच्ची का शरीर थोड़ा ठंडा पड़ गया था। बच्ची स्वास्थ्य है। वहीं शनिवार की रात को हीरालाल पासवान व उनकी पत्नी रंजना देवी रानीगंज रेफरल अस्पताल में बच्ची को गोद लेने की बात कह रहे थे। लेकिन बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने नवजात बच्ची को पूर्णिया स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में दे दिया। जबकि हीरालाल पासवान ने नवजात बच्ची का नामकरण कर लक्ष्मी नाम भी दे दिया है। आज दौर में जहां बेटियां निरंतर ऊंचे ओहदे पर पहुंच कर माता पिता, समाज व देश का नाम रौशन कर रहे हैं वहीं ऐसे मां का कैसे कलेजा पत्थर हो गया।
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