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    Bihar Politics: नीतीश कुमार या सम्राट चौधरी... आखिर किसपर है अश्विनी चौबे का निशाना? एक बयान से कर दिया 'खेला'

    Updated: Fri, 28 Jun 2024 05:20 PM (IST)

    बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता अश्विनी चौबे ने अपने ताजा बयान से सियासी पारा हाई कर दिया है। एक तरफ जहां सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को अपना नेता मान चुके हैं तभी चौबे यह कह रहे हैं कि विधानसभा का चुनाव बीजेपी के नेतृत्व में लड़ा जाए। चौबे ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला केंद्र तय करेगा। उन्होंने सम्राट चौधरी पर भी हमला बोला।

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    नीतीश कुमार, अश्विनी चौबे और सम्राट चौधरी। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Ashwini Choubey भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए। भाजपा व एनडीए के सभी सहयोगियों ने एकजुटता का परिचय दिया और विपक्षी पार्टियों का सपना पूरा नहीं हो पाया। ओम बिरला अपने अनुशासन के लिए जाने जाते हैं।

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    बुधवार को उन्होंने स्थानीय परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता में ये बातें कहीं। उन्होंने अपने राजनीतिक सरोकार के बार में कहा कि अभी पांच साल तक वे राजनीति में सक्रिय बने रहेंगे, लेकिन इस दौरान वे चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे। सामाजिक राजनीति में रहकर जयप्रकाश नारायण की राह पर चलकर एक कार्यकर्ता के रूप में समाज सेवा करते रहेंगे।

    उन्होंने भागलपुर को अपनी जन्मभूमि तो बक्सर को अपनी तपोभूमि बताई। उन्होंने कहा कि 1974 के जेपी आंदोलन के 50वें साल में प्रवेश करने को लेकर मंगलवार से दिल्ली में स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ हो चुका है। यह कार्यक्रम लगातार एक साल तक चलेगा। तत्कालीन इंदिरा गांधी की तानाशाही सरकार ने सभी पर अत्याचार किए थे। जेपी आंदोलन में मैं फुलवारी शरीफ जेल में था। वहां मैंने सत्याग्रह शुरू किया तो मेरे उपर काफी अत्याचार किए गए।

    'मुख्यमंत्री का चेहरा केंद्र तय करेगा'

    चौबे ने कहा है कि उनकी इच्छा है कि बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के नेतृत्व में लड़ा जाए। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनेगी। घटक दलों को भी आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री का चेहरा केंद्र तय करेगा।

    'आयातित व्यक्ति को अध्यक्ष नहीं बनाना चाहिए'

    उन्होंने यह भी कहा कि मेरी समझ से प्रदेश हो या जिला कहीं भी किसी आयातित व्यक्ति को अध्यक्ष का जिम्मा नहीं सौंपना चाहिए, बल्कि भाजपा संगठन के मूल से जुड़े व्यक्ति को ही अध्यक्ष होना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि पार्टी में विधायक व सांसद भी आयातित हो रहे हैं। उन्हें संगठन के विचारधारा में ढालना होगा। बता दें कि अभी बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी हैं।

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