कम नहीं हुई आनंद मोहन फैन फालोइंग, जेल से निकलने की बाद दिखे पुराने तेवर
आनंद मोहन...वो नाम जिसने जेपी आंदोलन के जरिए बिहार की सियासत में 17 साल की उम्र में कदम रख दिए थे। खुद की पार्टी बना आगे बढ़ रहे पूर्व सांसद पर डीएम की हत्या का आरोप लगा जांच हुई और फिर उम्रकैद की सजा। अब वो परोल पर बाहर आए।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर : बिहार की राजनीति में तेजी के साथ चमक बिखेर रहे आनंद मोहन साल 1994 में गोपालगंज डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आरोपी थे। जांच हुई और इसमें वे दोषी पाए गए। सजा फांसी की सुनाई गई और आनंद मोहन आजाद भारत के पहले ऐसे राजनेता बन गए, जिन्हें सजा-ए-मौत मिली। हालांकि, इस सजा को बाद में उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। बिहार पीपुल्स पार्टी के संस्थापक रहे आनंद मोहन सजायाफ्ता हैं। परिवारिक कार्यक्रम और मां की बीमारी के चलते उन्हें परोल पर 15 दिन के लिए रिहा किया गया है। जेल से निकलते ही वे अपने पुराने तेवर में दिखाई दिए।
आनंद मोहन पशुप्रेमी हैं, जेल में भी वे अपने साथ बिल्ली रखते हैं। रिहाई से पहले उन्होंने सहरसा कारा से बिल्ली को बाहर भिजवाया फिर खुद बाहर निकले। आनंद मोहन को देखते ही समर्थक झूम उठे। उनका उत्साह तब और बढ़ गया, जब आनंद मोहन ने हवा में हाथ लहराकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया। कुल मिलाकर नजारा ऐसा लगने लगा कि पूर्व सांसद की फैन फालोइंग अभी भी बरकरार है।
लगभग 15 वर्ष तक जेल में रहने के बाद 15 दिनों के लिए जेल से पूर्व सांसद आनंद मोहन के बाहर आते ही स्वजनों में खुशी छा गई। पहली बार परोल पर बाहर आने पर परिवार के हर सदस्यों का खुशी से आंसू झलक आए। अस्थायी रिहाई पर भी सहरसा से लेकर उनके पैतृक गांव पंचगछिया तक खुशी की लहर फैल गई। जहां उनके समर्थक खुशी के फुले नहीं समा रहे थे, वहीं शादी के जश्न में आनंंद मोहन की मौजूदगी की उम्मीद के परिवार के सदस्य बेहद ही प्रसन्न दिखे। उनके जेल जीवन के दौरान 97 वर्षीय मां कोरोना से पीड़ित हुई, गत वर्ष गंभीर हृदय रोग की समस्या से ग्रसित रही।
मां की उम्मीद - होगी स्थायी रिहाई
इस दौरान पुत्रवधू पूर्व सांसद लवली आनंद, पौत्र विधायक चेतन आनंद समेत परिवार के सभी सदस्यों ने उनकी बड़ी सेवा की, परंतु जेल में रहने के कारण बेटे से उनका मिलन नहीं हो सका। इस उम्र में भी आनंद मोहन की मां स्वयं छठ करती है और मेरे बेटे की रिहाई के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती रही। उन्होंने अपने कई पोते- पोतियों की शादी भी देखी, परंतु विगत 15 वर्षों से पुत्र के जेल में रहने के कारण बेहद ही मार्मिक पीड़ा की दौड़ से गुजर रही है। उन्हें इस बात की उम्मीद है कि उनका बेटा जल्द ही स्थायी रिहाई लेकर बाहर आएगा।
लिया कुल देवी का आशीर्वाद
पैतृक गांव पंचगछिया पहुंचे आनंद मोहन ने सबसे पहले ग्रामदेवता बाबा राम ठाकुर स्थान पहुंचकर मां भद्रकाली के दर्शन किए। मंदिर परिसर से कुल देवी का आर्शीवाद लेकर पैतृक आवास पहुंचे। गांव में आनंद मोहन के स्वागत के लिए उनके समर्थकों ने बाबा राम ठाकुर स्थान परिसर को आकर्षक रूप से सजाया। पैतृक गांव पंचगछिया आगमन के दौरान उनके साथ उनकी पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद एवं छोटे पुत्र अंशुमान आनंद भी मौजूद रहे। पूर्व सांसद के गांव सीमा प्रवेश करते ही लोगों द्वारा फूल माला पहना स्वागत किया। मंदिर परिसर पहुंचते ही समर्थकों द्वारा पुष्प वर्षा कर अपने नेता का स्वागत किया।