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    अमित शाह ने की ऐसी दवाई, प्रीति शेखर ने किया सरेंडर, BJP Candidate रोहित पांडेय का करेंगी प्रचार, नहीं लड़ेंगी चुनाव

    By Navaneet Mishra Edited By: Alok Shahi
    Updated: Mon, 20 Oct 2025 04:32 AM (IST)

    BJP Candidate Bhagalpur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति के बाद, निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति शेखर अब अपने नामांकन का फैसला वापस ले लिया है। अमित ...और पढ़ें

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    BJP Candidate Bhagalpur: अमित शाह से मिलने के बाद प्रीति शेखर ने भाजपा उम्मीदवार रोहित पांडेय के लिए प्रचार करने का फैसला किया है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। BJP Candidate Bhagalpur भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलने के बाद प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट प्रीति शेखर ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि वह भाजपा प्रत्याशी रोहित पांडेय सहित अन्य एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में काम करेगी। रोहित पांडेय को भागलपुर विधानसभा से टिकट मिलने के बाद प्रीति शेखर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने नाजिर रसीद भी कटा लिया था। उन्होंने 20 अक्टूबर को नामांकन करने का निर्णय लिया था।

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    इसके पूर्व उन्हें पटना बुलाया गया, जहां उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित कई केंद्रीय मंत्री व कई राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई। साथ ही उनके आवास पर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ भी पहुंचे थे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के आश्वासन के बाद प्रीति शेखर ने अपने कार्यकर्ताओं व शुभचिंतकों से बातचीत की और इसके बाद चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी।

    प्रीति शेखर ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व उन्हें अच्छा कार्यकर्ता मानते हैं। साथ ही भरोसा दिलाया गया है कि आगे उनके लिए पार्टी सोचती रहेगी। प्रीति शेखर के चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय के बाद भाजपा प्रत्याशी रोहित पांडेय उनके घर पहुंचे और मुलाकात की। भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि सभी की आकांक्षाएं होती है कि वह चुनाव लड़ें। जब टिकट नहीं मिलता है तो निराशा होती है, लेकिन इसके बाद फिर सभी आपस में मिलजुल कर काम करते हैं।

    बहरहाल, प्रीति शेखर के चुनाव नहीं लड़ने से बिहार चुनाव में भाजपा को फायदा होगा। प्रीति शेखर का कहना है कि हम टिकट की रेस में थे टिकट नहीं मिलने से हमें निराशा हुई और हमारे कार्यकर्ताओं में भी निराशा हुई थी सभी की इच्छा थी कि हम चुनाव लड़ें सिर्फ नेतृत्व से बातचीत करने के बाद हम अपने शुभचिंतकों और कार्यकर्ताओं से बातचीत की इसके बाद चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। आगे शीर्ष नेतृत्व हमारे ऊपर पूर्ण ध्यान रखेगी।