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    टोल फ्री नंबर 102 व्यस्त, एंबुलेंस की सेवा लेने में मरीज हो जा रहे पस्त

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 10:20 AM (IST)

    भागलपुर में सरकारी एंबुलेंस सेवा 102 की व्यस्तता से मरीजों को परेशानी हो रही है। कॉल करने पर भी एंबुलेंस समय पर नहीं मिल रही, जिससे प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिलाओं और गंभीर रोगियों को कठिनाई हो रही है। परिजनों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। एजेंसी का कहना है कि पूरे बिहार के लिए एक ही नंबर होने से दिक्कत है।

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    मॉडल सदर अस्पताल के पास लगी हुई एम्बुलेंस। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। टोल फ्री नंबर 102 पर कॉल कर सरकारी एंबुलेंस की सेवा लेने में जिले के मरीजों का दम फूल रहा है। एक नहीं, दस-दस बार कॉल करने पर यह नंबर हमेशा व्यस्त बताता है। यदि कॉल लग भी गया तो यह जरूरी नहीं कि एंबुलेंस सेवा तुरंत मिल जाए।

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    ऐसे में मरीजों को सरकारी एंबुलेंस की सेवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। खासकर प्रसव वेदना से पीड़ित महिलाओं को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अंत में स्वजन ऑटो-टोटो पर लादकर अस्पताल तक पहुंचते हैं।

    सन्हौला निवासी आलोक यादव को गत सप्ताह गंभीर हालत में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से पीएमसीएच रेफर किया गया। उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। डॉक्टरों ने तत्काल रेफर किया। परिजन एंबुलेंस के लिए कॉल करते रहे। आधे घंटे से अधिक समय तक लगातार कॉल करने के बाद नंबर लगा।

    वहां से बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। रात में पटना से वाहन आने पर सुविधा मिलेगी। अंत में परिजनों ने निजी एंबुलेंस से मरीज को पटना ले जाना पड़ा। यानी जो सेवा तुरंत मिलनी चाहिए थी, उसके लिए दो घंटे से अधिक समय लग गया।

    इसी तरह मिरजानहाट में एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने रात में एंबुलेंस के लिए कॉल करना शुरू किया। एक घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी सेवा नहीं मिली। आखिरकार स्वजन गर्भवती को टोटो में बैठाकर सरकारी अस्पताल ले गए।

    कैसे करता है यह नंबर काम

    सरकारी एंबुलेंस सेवा प्राप्त करने के लिए 102 नंबर पर कॉल करना होता है। पूरे बिहार में इसी नंबर से एंबुलेंस मुफ्त में बुक की जाती है। कुछ महीनों से इस नंबर पर कॉल करने पर हमेशा व्यस्त बताया जाता है। बात हो गई तो किस्मत है। साल भर पहले स्थानीय स्तर पर अस्पताल के हेल्थ मैनेजर इस सेवा को आसानी से उपलब्ध करा देते थे।

    अब यह नियम बना दिया गया है कि मरीज के परिजन अपने नंबर से कॉल करेंगे तभी सेवा मिलेगी। ऐसे में अस्पताल कर्मियों और हेल्थ मैनेजरों के हाथ से यह अधिकार छिन गया है।

    जिले में क्या है एंबुलेंस की स्थिति

    सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लाने-ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर मरीजों को बाहर ले जाने के लिए तीन एंबुलेंस और गर्भवती के लिए दो एंबुलेंस हैं। वहीं, जिले के सरकारी अस्पतालों में कुल 64 एंबुलेंस हैं। इनमें 17 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं। 47 एंबुलेंस गंभीर मरीजों और गर्भवती महिलाओं के लिए हैं। शेष वाहन शव परिवहन के लिए हैं।

    कॉल आते ही उपलब्ध कराई जाती है एंबुलेंस: एजेंसी

    एंबुलेंस सेवा देने वाली एजेंसी के एसीओ मुकेश कुमार कहते हैं कि कॉल आते ही सेवा उपलब्ध कराई जाती है। पूरे बिहार के लिए एक ही नंबर होने के कारण थोड़ी परेशानी हो सकती है।

    उन्होंने बताया कि विकल्प के रूप में 0612-6733700 नंबर भी जारी किया गया है। इस पर कॉल कर भी सेवा ली जा सकती है। बावजूद कोई दिक्कत हो रही है स्वास्थ्यकर्मी उनके निजी नंबर पर कॉल कर सकते हैं।