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    अद्भुत : भागलपुर शहर के करीब कलकल करती हुई पहुंची गंगा, लोगों ने आरती

    By Navneet MishraEdited By: Dilip shukla
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 01:15 PM (IST)

    भागलपुर में गंगा नदी अपने पुराने स्वरूप में लौट रही है, जिससे शहरवासियों को स्वच्छ जल मिलेगा और पीने के पानी की समस्या दूर होगी। नदी के किनारे पिकनिक ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, भागलपुर। गंगा नदी फिर से अपने स्वरूप में लौटने लगी है। स्वच्छ व निर्मल जल शहरवासियों को मिलने लगा है। शहरवासियों की पीने के पानी की समस्या आने वाले समय में दूर होने वाली है। आने वाले समय में गंगा नदी पिकनिक स्पॉट बनकर उभरने जा रही है। गंगा आरती करने वालों और इसमें शरीक होने वालों को मां गंगा के दर्शन हो सकेंगे। टूरिस्टों को पिकनिक स्पॉट घूमने में परेशानी दूर होगी। शहर के करीब पहुंचे ही श्रद्धालुओं ने गांगा की आरती की।

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    ड्रेजिंग हुई तो शहर के नजदीक बहने लगी गंगा

    यह संभव हुआ है जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी के दृढ़ संकल्प के कारण। शहरी क्षेत्र की ओर गंगा को लाने के लिए डीएम ने पहल की है। गंगा नदी की एक धारा को पुनर्जीवित कराने के लिए ड्रेजिंग कार्य कराने के संबंध में जिलाधिकारी ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को पत्र भेजा था। जिलाधिकारी ने पत्र के माध्यम से कहा था कि रत्तीपुर बैरिया से भागलपुर शहरी क्षेत्र की ओर गंगा नदी की धारा को पुनर्जीवित किए जाने के लिए ड्रेजिंग कार्य कराए जाने का अनुरोध किया गया था। गंगा नदी पूर्व में भागलपुर शहर से सटकर बहती थी। विक्रमशिला सेतु निर्माण होने के उपरांत गंगा धीरे-धीरे नवगछिया की ओर परिवर्तित हो गई है, जिससे बाढ़ के दौरान उक्त क्षेत्र में अधिक पानी का दबाव बना रहता है एवं तटबंध क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। इसको देखते हुए यदि गंगा नदी की धारा को रत्तीपुर बैरिया से भागलपुर शहर की ओर ड्रेजिंग कराकर परिवर्तित किए जाने से उक्त क्षेत्र में बाढ़ का दबाव कम होगा एवं गंगा नदी की पुरानी धारा पुनर्जीवित होकर भागलपुर शहरी क्षेत्र की ओर आएगी, जिससे क्षेत्र में भू-जलस्तर में वृद्धि होने से आमजन को काफी सुविधा होगी।

     

    Ganges River has reached near Bhagalpur city2

    गंगा के करीब आते ही बदलेगी शहर की सूरत

    वर्तमान में भागलपुर शहर के आसपास के भू-जलस्तर में हो रही भारी गिरावट के दृष्टिगत गंगा नदी की परिवर्तित धारा से भू-जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना बनी रहेगी। भागलपुर शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी। गंगा नदी की धार आने से वरारी घाट, आदमपुर घाट, कुप्पाघाट, सीढ़ी घाट व बूढ़ानाथ मंदिर के पास आमजन गंगा जल का उपयोग कर सकेंगे। श्रद्धालुओं को सुविधा भी होगी। इससे पर्यटन के विकास के साथ-साथ रोजगार के भी सृजन होने की संभावना है। जिलाधिकारी की पहल के बाद भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने गंगा नदी में ड्रेजिंग का कार्य शुरू किया है। इसका असर यह हुआ कि गंगा नदी की धारा फिर से शहर की ओर लौटने लगी है। शहरवासी उत्साहित हैं।

    विरोध के बावजूद ड्रेजिंग कार्य रहेगा जारी

    विरोध के बावजूद रत्तीपुर बैरिया में ड्रेजिंग कार्य जारी रहेगा। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के कार्यालय प्रभारी आरके सिंह सोलंकी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए जलयान की सुरक्षा के लिए अपने स्तर से उचित कार्रवाई करने का कष्ट करें, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। ड्रेजिंग कार्य निर्वाध गति से चलता रहे। पत्र में कहा गया है कि सांसद अजय कुमार मंडल द्वारा प्राप्त पत्र के निर्देश पर 14 दिसंबर को दो बजे से पांच बजे तक जिला प्रशासन, जल संसाधन विभाग व प्राधिकरण के पदाधिकारियों को ड्रेजिंग साइट पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था। सांसद ने ड्रेजिंग कार्य पर आपत्ति जताते हुए आशंका व्यक्त की कि ड्रेजिंग के उपरांत किसानों की भूमि का कटाव हो जाएगा। किसानों द्वारा ड्रेजिंग कार्य का विरोध किया जा रहा है। शहर की ओर से बहने वाली धारा विक्रमशिला सेतु से जहाजों के आवागमन के लिए ऊर्ध्वाधर व क्षैतिज (वर्टिकल एंड होरिज़ेंटल क्लीरिएंस) निकासी की व्यवस्था की गई है। मानसून के दौरान जलस्तर में वृद्धि के कारण नवगछिया खाड़ी की तरफ से बने विक्रमशिला सेतु की समुचित ऊर्ध्वाधर निकासी नहीं रहती है। इसलिए इस चैनल को पुनर्जीवित करना आवश्यक है।

    आगे भी ड्रेजिंग होता रहेगा, सुरक्षा की मांग

    शहर की ओर बहने वाली धारा पर शंकरपुर-मोहनपुर बैरिया में नदी के बीचोंबीच विद्युत तार का अवरोध पाया गया था, जिससे जहाजों के आवागमन के दौरान विद्युत तार की ऊंचाई कम हो जाने के कारण 2021-22 में विद्युत विभाग को विद्युत तार की ऊंचाई बढ़ाने के लिए ट्रांसमिशन टावर निर्माण के लिए सात करोड़ 21 लाख का भुगतान किया गया है। ड्रेजिंग कार्य कराए जाने के फलस्वरूप खाड़ी पुनर्जीवित होने के साथ ही श्रद्धालुओं को स्वच्छ गंगाजल, घाटों का सौंदर्यीकरण, स्वच्छ पेयजल, भूमिगत जल में वृद्धि के साथ पर्यटन के दृष्टिकोण से सुगम यातायात की व्यवस्था आदि से शहरवासियों को अनेकों प्रकार के लाभ होंगे, इसलिए इसको पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। कार्य की महत्ता को देखते हुए ड्रेजिंग कार्य जारी रखने का निर्णय लिया गया है और ड्रेजिंग कार्य जारी है। सुरक्षा की मांग की जाएगी।

    गंगा नदी के शहर के करीब आने से बूढ़ानाथ से लेकर बरारी घाट तक की रौनक बढ़ जाएगी। जलीय जीव की आयु बढ़ जाएगी। लोगों को सालोंभर पीने का पानी मिलेगा। पर्यटन की दृष्टि से शहर महत्वपूर्ण हो जाएगा।


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    डा. नवल किशोर चौधरी, जिलाधिकारी