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    बिहार के 'चार्ली चैपलिन' जीत चुके हैं कई पुरस्‍कार, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है नाम, दुनिया भर में प्रदर्शन

    Amazing story लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने वाले हीरो राजन का हर कोई है फैन। राजन बिहार के मुंगेर का रहने वाला है। चार्ली चैपलिन नाम से मशहूर राजन दुनिया के अलग-अलग देशों में 5000 से अधिक कर चुके हैं शो।

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Sat, 23 Apr 2022 03:34 PM (IST)
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    बिहार के मुंगेर का राजन, जिसकी आज पूरे देश में पहचान है।

    त्रिभुवन चौधरी, मुंगेर। बिहार प्रांत के ऐतिहासिक जिला मुंगेर के टेटिया बंबर प्रखंड स्थित बंबर गांव के हीरो राजन कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं है। भारत सहित दुनिया के अलग-अलग देशों जैसे अमेरिका, लंदन, श्रीलंका, नेपाल में भी अपना शो कर चुके हीरो राजन कुमार की ख्याति अंतरराष्ट्रीय फलक तक पहुंच चुकी है। चार्ली चैपलिन के किरदार को जीवंत कर देने वाले हीरो राजन कुमार ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किए हैं। राजन के पिता लक्ष्मण प्रसाद सिंह एक किसान हैं और माता सुनीता सिंह एक गृहिणी हैं। स्वभाव से मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव के राजन कुमार सहज ही सबके दिलों में अपनी जगह बना लेते हैं। बिहार के कलाकारों को सम्मान दिलाने के लिए बकायदा इन्होंने बाफ्टा नामक एक संस्था का भी निर्माण किया है।

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    राजन को मिले हैं कई पुरस्कार

    अपने नाम के आगे हीरो लगाने वाले राजन कुमार वास्तव में लोगों के दिलों पर राज करने वाले हीरो हैं। ‌कहते हैं उनके गांव में आयोजित होने वाले नाटकों में उन्हें छोटे छोटे किरदार दिए जाते थे। एक बार गांव में उनके दोस्तों ने उन्हें माइकल जैकसन का किरदार निभाने को कहा। माइकल जैक्सन का किरदार तो नहीं निभा सके लेकिन लोगों को हंसाने पर मजबूर करने वाले चार्ली चैपलिन का किरदार बखूबी निभाया और यहीं से शुरू हो गई राजन कुमार की सफलता की कहानी। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जिला स्तर पर सभी छोटे बड़े कार्यक्रमों में इन्हें आमंत्रित किया जाने लगा। कला एवं संस्कृति से बेहद लगाव रखने वाले हीरो राजन कुमार को वर्ष 1998 में भारत सरकार ने 'छाव नृत्य के लिए नेशनल अवार्ड प्रदान किया। निर्वाचन आयोग भारत सरकार द्वारा इन्हें 'चुनाव आइकान' बनाया गया। वर्ष 2005 में लिम्का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें चार्ली चैपलिन-2 का सर्टिफिकेट प्रदान किया। ‌अभी हाल में राजन ने इस्पात मंत्रालय भारत सरकार की ओर से दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित झांकी में शामिल हुए। केरल में इन्होंने 'पैठू' का प्रशिक्षण लिया। वर्ष 2000 में दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह अभिनय की दुनिया में अपना कदम रखा। हिंदी के कई टीवी सीरियलों में इन्होंने अपनी भूमिका निभाई।

    बिहार के कलाकारों का सम्मान दिलाने में आगे

    राजन कुमार सिर्फ अपने लिए ही नहीं जीते। वह हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। मिलनसार और मृदुभाषी स्वभाव के होने के कारण वे सहज ही लोगों में घुल मिल जाते हैं। मुंगेर में स्थानीय कलाकारों को सम्मान दिलाने की दिशा में उन्होंने बाकायदा 'बाफ्टा' नामक एक संस्था भी तैयार किया है। जहां इनके द्वारा नवोदित कलाकारों को मंच दिया जाता है। अपने गृह जिले में होने वाले हर कार्यक्रम में यह बढ़-चढ़कर योगदान करते आ रहे हैं। बिहार के इन्होंने कई लघु फिल्में भी बनाई। कई फिल्मों का निर्माण भी किया और मुख्य भूमिका भी निभाई। मुंगेर में फिल्म निर्माता नीतीश कुमार गुंजन के साथ ही उन्होंने कई फिल्में की। 'नमस्ते बिहार' और लहरिया कट' इनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्म रही।

    कला कभी मरता नहीं : राजन

    हीरो राजन कुमार का कहना है कि कलाकार कभी नहीं मरता। भले ही चार्ली चैपलिन आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके किरदार को हमेशा उन्होंने लोगों के दिलों में जिंदा रखने का प्रयास किया है। अपने तमाम चाहने वालों से यही गुजारिश करते हैं कि वह कलाकारों को पूरा पूरा सम्मान दें। फिलहाल राजन मुंबई में हैं।‌