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    Amazing love: छोड़ेंगे ना हम तेरा साथ... हाथ में हाथ थामे वचन निभाया, ... और त्‍याग दिए पति के साथ ही अपना प्राण

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 05 May 2021 09:51 AM (IST)

    Amazing love बिहार के भागलपुर में एक वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध की मौत के कुछ ही देर बाद उसकी पत्‍नी ने भी अपने प्राण त्‍याग दिए। जबकि उनकी पत्‍नी पूरी ...और पढ़ें

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    भागलपुर के कहलगांव में पति और पत्‍नी की एक साथ मौत।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Amazing love: छोड़ेंगे ना हम तेरा साथ, ओ साथी मरते दम तक...!!!  बिहार के भागलपुर कहलगांव में एक अद्भुत प्रेम का दृश्‍य देखने को मिला। कहलगांव में एक वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध किसान एक सौ वर्ष का था। स्‍वाभाविक मृत्‍यु थी। मृत्‍यु शाश्‍वत सत्‍य है। लेकिन अपने पति का निधन उनकी पत्‍नी बर्दाश्‍त नहीं कर सकी। दोनों ने बीच अद्भुत प्रेम था। कभी भी विवाद नहीं हुआ था। दोनों गरीब थे, लेकिन रिश्‍ता काफी अमीर था। पति की मौत सूचना मिलते ही, 90  वर्षीय वृद्ध पत्‍नी ने भी प्राण त्‍याग दिए।

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    जानकारी के अनुसार यह घटना कहलगांव प्रखंड सदनन्दपुर बैसा पंचायत के ठाड़ी बैसा गांव की है। जहां सात जन्मों तक साथ जिएंगे और साथ मरेंगे का विवाह के वक्त अग्नि का फेरा लगाकर दिया हुआ वचन निभाने का वादा दोनों ने निभाया। आइए, बताते हैं जागेश्वर मंडल और रुक्मिणी देवी की यह कहानी। 

     

    जागेश्वर मंडल की मौत सोमवार की रात हो गई। सुबह में पत्नी 90 वर्षीय रुक्मिणी देवी को जानकारी होते ही उन्‍होंने भी अपने प्राण त्‍याग दिए। जैसे ही सूचना मिली उनके पति जागेश्‍वर की मौत हो गई, रुक्मिणी उनके शव के पास गई। अपने पति का साथ पकड़ा, उनसे गले मिले। सीने के सिर रखकर कुछ देर सोया। फ‍िर हाथ में हाथ थामे पत्‍नी के भी पति के साथ प्राण त्‍याग दिए।

    इस घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने कहा कि पति की मौत पर वादा निभाते हुए पत्नी भी साथ जाने के लिए चल बसी। दोनों वृद्ध थे। जागेश्वर मंडल ने मौत के दो दिन पूर्व से ही खाना-पीना त्याग दिया था।  उनकी पत्‍नी रुक्मिणी स्वस्थ्य थी। लोगों ने यह भी बताया कि दोनों के बीच आज तक कभी विवाद नहीं हुआ था। गरीबी में भी खुशी-खुशी जीवन व्‍यतीत करते थे।

    पूर्व सरपंच विभा देवी ने बताया कि मृतक को एक पुत्र, तीन पुत्री सहित कई लोग हैं। इस घटना के बाद सभी मर्माहत हैं। मौत के बाद घर से दोनों को अलग-अलग अर्थी पर श्मशान घाट कहलगांव ले जाया गया। जहां एक ही चिता पर पति और पत्नी का शव रखकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस अद्भुत प्रेम कहानी की हर ओर चर्चा हो रही है।