Bhagalpur News: 4 साल पहले मिला नगर पंचायत का दर्जा, 2.5 करोड़ मिलने के बाद भी नहीं बना भवन
अकबरनगर नगर पंचायत का कार्यालय पुस्तकालय के छोटे कमरों में चल रहा है, जिससे अधिकारियों और पार्षदों को बैठने में दिक्कत हो रही है। भवन निर्माण के लिए स ...और पढ़ें
-1765172666486.webp)
अकबरनगर नगर पंचायत। (जागरण)
नमन कुमार, अकबरनगर। नगर पंचायत का प्रशासन वर्तमान में पुस्तकालय के जमीन पर बने दो संकरे कमरों में सिमटा हुआ है। यहां न तो अधिकारियों के बैठने की उचित व्यवस्था है और न ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों के लिए जगह।
तंग माहौल में नगर पंचायत कार्यालय के साथ सभा कक्ष भी संचालित हो रहा है। जहां सभी सदस्यों को एक साथ बैठाकर बैठक करना तक मुश्किल है। स्थिति यह है कि कार्यालय जिस स्थान पर संचालित है, वहीं रोज बाजार भी लगता है।
नगर पंचायत के प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए कुल 2 करोड़ 49 लाख 85 हजार रुपये स्वीकृत हैं, जिसमें से 25 लाख रुपये अग्रिम राशि के रूप में विभाग द्वारा भेजी जा चुकी है। लेकिन निर्माण शुरू कराने के लिए उपयुक्त भूमि नहीं मिल रही, जिसके कारण आठ माह से फंड उपयोग नहीं हो सका है।
अकबरनगर को दिसंबर 2021 में नगर पंचायत का दर्जा मिला था, पर चार वर्षों में स्थायी भवन तक की व्यवस्था नहीं बन पाई। आलम यह है कि सभी परेशानी झेलने को मजबूर हैं। लेकिन भूमि चिह्नित किए जाने को लेकर धरातल पर कोई ठोस पहल होता नहीं दिख रहा है।
जरूरी दस्तावेज व सामग्रियों के भंडारण तक में परेशानी
नपं कार्यालय वर्तमान में पुस्तकालय के दो छोटे कमरों और पुस्तकालय भवन पर जैसे-तैसे संचालित हो रहा है। कर्मचारियों के बैठने से लेकर जरूरी दस्तावेज व सामग्रियों के भंडारण तक में भारी दिक्कत है। स्टोर रूम न होने के कारण सामान जगह-जगह डंप करना पड़ रहा है, जिससे नप की ‘मिनी सरकार’ जैसी व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
श्रीरामपुर में 35 डिसमिल जमीन को मंजूरी, पर चिह्नित नहीं
जानकारी के अनुसार श्रीरामपुर स्थित आजाद क्रीड़ा मैदान के पास 35 डिसमिल राजस्व भूमि के लिए एनओसी मिल चुकी है, लेकिन सीओ द्वारा जमीन को अब तक चिह्नित नहीं किया जा सका है। इस संबंध में दो बार स्वयं और दो बार कार्यालय द्वारा जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजा जा चुके हैं।
अध्यक्ष के प्रतिनिधि अंजीत ने बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र में ऑटो स्टैंड भी बड़ी समस्या है। पड़ाव सुविधा के लिए अभी तक कोई जमीन चिह्नित नहीं की गई है, जिससे रोजाना स्थानीय लोगों और वाहन चालकों को दिक्कत झेलनी पड़ती है।
सभागार में भर जाता है बाढ़ व बारिश का पानी
बारिश के दिनों में नपं कार्यालय का सभागार पानी से भर जाता है, जिससे बैठकों और दैनिक कार्यों में भारी बाधा उत्पन्न होती है। शौचालय की सुविधा अत्यंत खराब है और पेयजल की व्यवस्था भी व्यवस्थित नहीं है।
कर्मचारियों और आगंतुकों को पीने का पानी तक बाहर से लाना पड़ता है। तंग स्थान और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में नप का सुचारू संचालन प्रभावित होता है।
भवन निर्माण के लिए ढाई करोड़ रुपये स्वीकृत हैं, जिसमें से 25 लाख अग्रिम राशि मिल चुकी है। भूमि उपलब्ध न होने से कार्य शुरू नहीं हो सका है। प्राक्कलन बढ़ाने हेतु विभाग को पत्र भेजा गया है। जमीन चिह्नित होते ही निर्माण प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
निशांत कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नपं
नपं भवन निर्माण हमारी प्राथमिकता है। प्रस्तावित भूमि के लिए एनओसी मिल चुकी है। डीएम को चार बार प्रस्ताव भेजा गया है। चिह्नांकन लंबित रहने से निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा। मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।
किरण देवी, मुख्य पार्षद नपं
श्रीरामपुर स्थित 35 डिसमिल भूमि के लिए एनओसी पहले ही जारी किया जा चुका है। चिह्नांकन प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी। जिला प्रशासन की मंजूरी मिलते ही आगे की निर्माण प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
अनुज कुमार झा, सीओ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।