Acid attack : ताक पर कानून, खुलेआम बिक रहा तेजाब
तेजाब की बोतल बेचने वाले दुकानदार को अपने यहा एक रजिस्टर रखना होगा।
भागलपुर [जेएनएन]। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार तेजाब की बोतल बेचने वाले दुकानदार को अपने यहा एक रजिस्टर रखना होगा। इसमें तेजाब खरीदने वाले ग्राहक का पूरा नाम-पता और किस कार्य के लिए तेजाब ले रहा है आदि का ब्यौरा दर्ज करना होगा। समय-समय पर इन रजिस्टरो की पड़ताल मजिस्ट्रेट करेंगे। भागलपुर में यह कानून कभी भी धरातल पर नहीं उतर सका। नियम को ताक पर रख खुलेआम बिक रहे तेजाब के प्रति प्रशासनिक अधिकारी आंख मूंदे रहे।
गत 19 अप्रैल की शाम में अलीगंज में जब कुछ युवकों ने इंटर की छात्रा पर तेजाब से हमला किया तब जाकर प्रशासन को होश आया। घटना के करीब 10 दिनों के बाद तेजाब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए कुछ इलाकों में छापेमारी अभियान चलाया गया। इस छापेमारी का असर इस बात से ही समझा जा सकता है कि अब भी शहर की दुकानों में आसानी से तेजाब मिल रहा है।
भागलपुर में किसी को एसिड बेचने का लाइसेंस नहीं : डीएम जिला प्रशासन की मानें तो भागलपुर में प्रतिबंधित एसिड बेचने का लाइसेंस किसी को नहीं है। गैरकानूनी तरीके से एसिड बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए टीम बनाई जा रही है। इसमें पुलिस अवर निरीक्षक, कार्यपालक दंडाधिकारी, सीओ और बीडीओ को शामिल किया गया है। डीएम प्रणव कुमार ने कहा कि प्रतिबंधित एसिड की बिक्री और संग्रहण करने वालों के खिलाफ टीम बनाकर कार्रवाई जाएगी। इसके लिए कहलगांव, सदर और नवगछिया के एसडीओ, डीएसपी नगर, विधि व्यवस्था, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय वन और टू, एसडीपीओ कहलगांव और नवगछिया को अधिकृत किया गया है। पूरे जिले में लगातार छापेमारी की जाएगी। किसी को अवैध तरीके से एसिड बेचने नहीं दिया जाएगा। प्रतिबंधित श्रेणी में 19 प्रकार के एसिड का उल्लेख है।
तेजाब की खरीद-फरोख्त को लेकर कानून - तेजाब की बिक्री सिर्फ लाइसेंसी दुकानों से हो सकती है। - दुकानों में तेजाब के स्टॉक की जानकारी स्थानीय प्रशासन को देनी होगी। - 18 साल के नीचे के लोगों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा। - तेजाब खरीदने वाले को अनिवार्य रूप से फोटो आइडी देना होगा। - तेजाब खरीदने वाले ग्राहक का ब्योरा दुकानदार को रजिस्टर में दर्ज करना होगा। - ग्राहक को तेजाब खरीदने का उद्देश्य भी दर्ज कराना होगा। - स्कूल लैब आदि जहा अधिक मात्रा में तेजाब की जरूरत होगी वहां प्रशासन की अनुमति जरूरी है। .... इन जगहों पर होता है तेजाब का इस्तेमाल - सोने-चादी को गलाकर गहने बनाने में। - मेटल वायर बनाने वाली फैक्ट्री में। .... ये होता है तेजाब तेजाब रासायनिक यौगिक है जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन देता है। इसका पीएच मान 7.0 से कम होता है। यह स्वाद में खट्टा होता है। तेजाब की क्षमता इतनी अधिक होती कि शीशा, पत्थर, सिरेमिक को छोड़कर किसी मेटल को आसानी से गला सकता हैं। बाथरूम में इस्तेमाल होने वाले क्लीनर में दो से चार परसेंट तक एसिड होता है। 80 परसेंट तक डाइल्यूट एसिड मानव शरीर के लिए खतरनाक होता है। .... विष अधिनियम में आता है तेजाब तेजाब को विष अधिनियम 1919 में रखा गया है। इसके धारा छह में सजा का प्रावधान है। यह राज्य के अधीन है कि वह सजा को किस हद तक कठोर बनाता है। इसे गैर जमानतीय बनाने के लिए राज्य इसमें उपधारा भी जोड़ सकता है। .... ये तेजाब हैं प्रतिबंधित एसेटिक एसिड, एसेटिक एनहाइड्रिक, सलफ्यूरिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, फासफोरिक एसिड, हाइड्रोफ्लोरिक एसिड, परक्लोरिक एसिड, फारमिक एसिड, हाइड्रोक्लोनिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, निट्रिक एसिड, ऑक्सलिक एसिड, परक्लोराइड ऑफ मरकरी, पोटाशियम हाइड्रोऑक्साइड, सोडियम हाइड्रो ऑक्साइड, हाइड्रोजन पेरोऑक्साइड, फारमलडेहाइड, फिनाल और सोडियम हाइड्रोक्लोराइट सॉल्यूशन।
तेजाब हमले से जुड़े कानून 2013 से पहले तेजाब हमले को लेकर कानून में काई अलग धारा नहीं थी। आइपीसी की धारा 326 (गंभीर रूप से जख्मी करना) के तहत ही मामला दर्ज होता था। इस साल इसी धारा में दो उपधारा 326-ए और 326-बी जोड़े गए। - 326 ए में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति ने जानबूझ कर किसी अन्य व्यक्ति पर तेजाब फेंकी और उसे स्थाई या आशिक रूप में नुकसान पहुंचाया तो अपराध गैर जमानती होगा। दोषी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जुर्माने की रकम पीड़िता को दिया जाएगा। - 326 बी धारा का संबंध तेजाब हमले के प्रयास से है। यह भी संगीन अपराध है। गैर जमानती है। इसके लिए दोषी को कम से कम पाच साल तक की सजा हो सकती है और दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
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