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    विवाह निबंधन के प्रति जागरूक नहीं वर-वधू

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    Updated: Thu, 29 Nov 2012 01:34 AM (IST)

    नगर संवाददाता, भागलपुर : जन्म-मृत्यु के साथ ही विवाह पंजीयन भी जरूरी है। मगर, विवाह निबंधन कराने के प्रति वर-वधू जागरूक नहीं हैं। आंकड़ों में विवाह के अनुपात में निबंधन काफी कम है।

    हिंदू व स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत विवाह पंजीयन का प्रावधान है। मगर, भागलपुर में यह लागू नहीं किया जा सका है। निबंधन कार्यालय में विवाह पंजीयन होता है। हिंदू मैरेज एक्ट में वधू 18 वर्ष की और वर 21 को होना जरूरी है, जबकि स्पेशल मैरेज एक्ट में वर-वधू दोनों की उम्र 21 होनी चाहिए।

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    जनवरी से नवंबर 28 तक विवाद पंजीयन के लिए 103 आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुए। इनमें 80 लोगों को प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया है। बुधवार को एक आवेदन जमा हुआ। यानी एक महीने में आठ से 10 आवेदन किए जाते हैं।

    मुखिया व वार्ड पार्षद भी देने लगे हैं प्रमाण-पत्र

    बिहार निबंधन नियमावली 2006 के अंतर्गत पंचायत स्तर पर मुखिया तथा शहरी क्षेत्र में वार्ड पार्षद द्वारा भी विवाह संबंधी प्रमाण-पत्र निर्गत किए जाने लगे हैं।

    हिंदू व स्पेशल एक्ट में फर्क

    हिंदू मैरेज एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराने पर वर-वधू को आवेदन जमा करने के कुछ देर बाद ही प्रमाण-पत्र निबंधन कार्यालय से निर्गत कर दिया जाता है। मगर, स्पेशल मैरेज एक्ट में निबंधन करवाने पर आवेदन देने के एक माह बाद विवाह संबंधी सर्टिफिकेट मिलता है। इस दौरान किसी द्वारा आपत्ति करने पर वर-वधू दोनों पक्षों को निबंधन कार्यालय द्वारा नोटिस भेजने के बाद मामले की सुनवाई की जाती है। पिछले चार पांच वर्षो में एक भी मामला सामने नहीं आया है।

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    क्या है जरूरी

    1. लड़का-लड़की का उम्र प्रमाण-पत्र

    2. आवासीय प्रमाण-पत्र

    3. वर-वधू की फोटो, 4. दोनों पक्षों की ओर से तीन गवाहों के नाम या तीन परिचित होने चाहिए

    निबंधन के आवेदन पर पति-पत्‍‌नी दोनों का हस्ताक्षर जरूरी है।

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    आवेदन शुल्क : 100 रुपये

    निबंधन शुल्क : 200 रुपये

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    विवाह निबंधन से लाभ

    1. वीजा लेने में सहयोगी

    2. पासपोर्ट के लिए निबंधन जरूरी

    3. महानगरों में किराए पर मकान लेने में सहयोगी

    4. पारंपरिक व धार्मिक विधि-विधान से विवाह को सामाजिक मान्यता तो है, लेकिन कानूनी मान्यता के लिए निबंधन आवश्यक है। ऐसे वादों को परिवार न्यायालय में पक्षकारों को अपना पक्ष रखने में सुविधा होती है।

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    कोट

    'बिहार में कहीं भी हिंदू मैरेज एक्ट के तहत विवाह पंजीयन के प्रावधान को लागू नहीं किया गया है। सिर्फ स्पेशल मैरेज एक्ट के अंतर्गत ही निबंधन का प्रावधान है। मुखिया या वार्ड पार्षद द्वारा निर्गत विवाह प्रमाण-पत्र को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता नहीं है। क्योंकि निबंधन कार्यालय में एक्ट के तहत पंजीयन होता है,जबकि वार्ड पार्षद व मुखिया नियमावली के अनुसार प्रमाण-पत्र देते हैं।'

    मु. कमाल अशरफ, जिला अवर निबंधक, भागलपुर

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