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    हे भगवान! बिहार में गायब हो गई मठ-मंदिरों की 2342 एकड़ जमीन, पुजारियों की जीविका पर आई आफत!

    By Shivam BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 17 Dec 2021 07:03 AM (IST)

    मामला बिहार के सहरसा जिले का है। अब यहां भगवान को भोग लगाना भी कठिन हो गया है। पुजारी की जीविका पर आफत आन पड़ी है। मामला मंदिर और मठों की जमीन से जुड़ा हुआ है। दरअसल जिले की 2342 एकड़ जमीन जो मंदिर के नाम थी अब वो लापता..

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    जारी की जीविका और भगवान को भोग लगना भी कठिन हो गया

    कुंदन कुमार, सहरसा: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले के मठ- मंदिरों को 779.16 निबंधित और 77.87 हेक्टेयर अनिबंधित अर्थात 2342 एकड़ जमीन है, लेकिन वर्तमान समय में जिले के अधिकांश मठ मंदिर भूमिहीन हो गए हैं। धार्मिक न्यास पर्षद की यह जमीन या तो अतिक्रमित कर ली गयी या जमीन को सेवादारों ने अपने नाम पर करवा ली। कुछ जगह सेवादारों ने अपने नाम करवाकर इस जमीन को बेच दिया है।

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    जिले के कई मठ- मंदिर की संपत्ति इतनी कम हो गई है, जहां पुजारी की जीविका और भगवान को भोग लगना भी कठिन हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जब इस जमीन की खोज हुई तो अंचल के अधिकारी व कर्मी के पसीने छूट रहे हैं। सरकार द्वारा भी एक माह के अंदर इस जमीन के सीमांकन का निर्देश दिया गया है, ताकि कब्जा की गई जमीन या बेचे गए जमीन की जमाबंदी रद्द करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

    कुछ मठ- मंदिरों को थी अपार संपत्ति

    जिला गजट के अनुसार उग्रतारा धाम महिषी, कंदाहा सूर्यमंदिर, राम जानकी मठ विजयपुर, वनदेवी रमणा,मुरलीबसंतपुर, रामजानकी मठ गोलमा, बिजलपुर मठ सत्तर कटैया, राधाकृष्ण मंदिर मसोमात पोखर, चंडी स्थान विराटपुर को पूर्व में काफी जमीन थी। इन मठ मंदिरों की जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया। कुछ तो गलत तरीके से हड़प लिया गया या बेच दिया गया। जमीन के अभाव में मठ- मंदिरों की आमदनी समाप्त हो गई और उसका विकास भी बाधित है।

    सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अंचलवार न्यास पर्षद की हेक्टेयर में जमीन

    अंचल - निबंधित रकवा - अनिबंधित रकवा

    सौरबाजार - 150.75 - 10.82

    सलखुआ - 180.32 - 00

    सत्तरकटैया - 101.97 - 00

    महिषी - 174.47 - 00

    बनमा इटहरी - 19.07 - 00

    नवहट्टा - 24.97 - 00

    पतरघट - 93.85 - 66.85

    सिमरीबख्तियारपुर - 118.78 - 00

    सोनवर्षा - 36.56 - 00

    कहरा - 78.42 - 00

    'धार्मिक न्यास पर्षद की इस जमीन की खोज और सीमांकन का कार्य एक महीने के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जिन लोगों द्वारा इसका अतिक्रमण किया गया होगा, अथवा बेची गई होगी, उनके विरूद्ध हरसंभव कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'- विनय कुमार मंडल, अपर समाहर्ता, सहरसा।