2014 बैच के आईपीएस अधिकारी दया शंकर बने पूर्णिया के एसपी, कहा- जनता के सहयोग से विधि व्यवस्था को किया जाएगा दुरुस्त, इन चीजों पर विशेष नजर
आईपीएस अधिकारी दया शंकर को पूर्णिया का नया एसपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि एसपी के रूप में पदभार संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता जिले की विधि व ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी दया शंकर को पूर्णिया का नया पुलिस कप्तान बनाया गया है। वे पूर्णिया के पूर्व एसपी विशाल शर्मा से जिले की कमान संभालेंगे। राज्य सरकार ने गुरूवार की देर रात दया शंकर के पूर्णिया के नए पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थापित करने की अधिसूचना जारी की थी। बिहार के पटना के रहने वाले 2014 बैंच के आइपीएस अधिकारी की पहचान काफी मिलनसार एनं आन जनता से सीधे संवाद करने वाले एसपी के रूप में रही है।
पूर्णिया एसपी बनाए जाने के पूर्व दयाशंकर शेखपुरा के एसपी के रूप में पदस्थापित थे तथा अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने शेखपुरा में विधि व्यवस्था को दुरूस्त रखने के अलावा आम जनता से सीधे संवाद को प्रमुखता से निभाया। नए एसपी के रूप में दयाशंकर शनिवार को अपना पदभार ग्रहण कर सकते हैं। पूर्णिया के नए पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने बताया की बिहार का होने के नाते वे पूर्णिया एवं सीमांचल से पूरी तरह से वा्िकफ है। यहां एसपी के रूप में पदभार संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता जिले की विधि व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कदम उठाना होगा ताकि जिले की जनता चैन की नींद सो सके।
नव पदस्थापित एसपी ने बताया की पूर्णिया सीमावर्ती जिला है जो बंगाल नेपाल एवं झारखंड राज्य ले सटा हुआ जिला है। इस कारण इस जिले से गुजरने वाले रास्ते का प्रयोग शराब तस्करों द्वारा शराब की तस्करी के लिए किया जाता है। उनकी कोशिश होगी की शराब तस्करों के कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाया जाए। इसके लिए वह रणनीति बनाकर स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों के सहयोग से इस योजना को अंजाम देंगे। एसपी ने कहा कि पुलिस एवं जनता के बीच बेहतर समन्वय के लिए भी वे काम करेंगे। जिले की आम जनता को अगर किसी तरह की वैसी समस्या जिसका समाधान पुलिस के निचले स्तर के पदाधिकारियों द्वारा नहीं किया जाता है वे सीधे उनसे मिलकर अपनी समस्या बता सकते हैं उसका निदान प्राथमिकता के आधार पर भटकना नहीं पड़ेगा। एसपी दयाशंकर ने बताया की वे इस बात की भी व्यवस्था करेंगे की अगर कोई पीडि़त अपनी समस्या को लेकर थाना पहुंचे तो थाना में ना केवल पीडि़त की समस्या को स्थानीय थाना अध्यक्ष द्वारा गंभीरता से सुना जाए बल्कि तत्काल उसका निदान भी किया जाए।

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