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चापाकल और बाल्टी बदल रहे धर्म, बांका के जंगली-पहाड़ी इलाकों में 10 हजार लोग बने ईसाई, जोरों पर मतांतरण

बिहार के बांका में हाल के कुछ वर्षों में दस हजार हिंदू धर्म मानने वाले ईसाई मत अपना चुके हैं। जंगली एवं पिछड़े इलाकों में ईसाई मिशनरियों द्वारा काफी पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। बांका पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार गुप्ता ने कहा कि...

By Shivam BajpaiEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 10:24 PM (IST)
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बांका में ईसाई मिशनरियों का चल रहा व्यापक प्रचार-प्रसार
बांका [डा. राहुल कुमार]। अनुसूचित जाति और जनजाति आबादी वाले जंगली-पहाड़ी इलाकों में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार जोरों पर है। बांका के चार प्रखंडों में पिछले दो-तीन साल के दौरान 10 हजार से अधिक हिंदू व संताली मतावलंबी ईसाई धर्म अपना चुके हैं। मतांतरण के लिए उनके बीच ईसाई धर्म के प्रचार के लिए हर रविवार चर्च के प्रतिनिधि के माध्यम से बैठकें हो रही हैं। बस्ती में धर्म बदलने वाले लोगों की हर रविवार को जीसस की प्रार्थना सभा भी आयोजित हो रही है।

चांदन, कटोरिया और बौंसी प्रखंड के दर्जन भर चर्च मतांतरण का यह काम तेजी से कर रहे हैं। चर्च मतांतरण के लिए ऐसी बस्तियों का चयन कर रहा है, जहां के लोगों की आर्थिक स्थिति खराब है। संसाधनविहीन गांवों में एक चापानल लगाने के अलावा वहां जीसस का बड़ा बोर्ड लगाया जा रहा है। लोगों को बाल्टियां भी बांटी जा रही हैं।

इन इलाकों में पिछले तीन-चार दशकों में दो दर्जन से अधिक चर्च संचालित हो रहे हैं। जयपुर, भैरोगंज, बाबूमहल, बेलहरिया, आमगाछी, बसमत्ता, चांदन सहित कई चर्च वर्षों से ईसाई धर्म के प्रचार का केंद्र बने हुए हैं। लाकडाउन में जब लोगों की परेशानियां बढ़ीं तो यहां चापाकल लगाए जाने लगे। चर्च द्वारा इन्हें जीसस वेल का नाम दिया गया। इन लोगों को बताया जाता है कि इस चापाकल में जीसस प्रवेश कर गए हैं। इसका पानी कभी नहीं सूखेगा, यह सोता(पानी का प्राकृतिक स्रोत) बन जाएगा। यहां के गरीब लोगों को बताया जा रहा है कि जीसस ही असली भगवान हैं। जिस परिवार के सभी लोग ईसाई मत को स्वीकार कर लेते हैं, उसे विशेष जीसस वेल दिया जाता है।

ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए उस परिवार के बच्चों को पढ़ाई के लिए चर्च में बुलाया जाता है। उन्हें पुस्तकें व अन्य पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती हैं। इन परिवारों की लड़कियों की शादी में भी आर्थिक सहायता दी जाती है। भैरोगंज के शंकर दास, सुधीर दास व सज्जन दास आदि ने अधिक कुछ बताने से इन्कार कर दिया। कहा कि यदि धर्म के नाम पर कुछ सहायता मिल रही है तो इसमें परेशानी क्या है।

लोकतंत्र में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। कोई भी किसी मत और धर्म को अपना सकता है। जबरन मतांतरण कानूनन अपराध है। बांका में पुलिस के पास जबरन धर्मातंरण की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसी कोई शिकायत आती है तो पुलिस संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगा।-अरविंद कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक, बांका

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