ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार से ही देश का कल्याण: गिरिराज सिंह
जागरण संवाददाता बेगूसराय। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार व कृषि के साथ पशुपालन के माध्यम से ही किसान आर्थिक रूप से संपन्न होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार से ही देश का कल्याण संभव है।

जागरण संवाददाता, बेगूसराय।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार व कृषि के साथ पशुपालन के माध्यम से ही किसान आर्थिक रूप से संपन्न होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार से ही देश का कल्याण संभव है। किसानों के लिए गाय के बछड़े अभिशाप बने हैं और अभिशाप को दूर करने के लिए सेक्ससेल सीमेन व पशुओं को नस्ल सुधार कारगर साबित होगा। उक्त बातें केन्द्रीय मत्स्य पशुपालन व डेयरी मंत्री सह सांसद गिरिराज सिंह ने रजौड़ा स्थित सीताराम राय उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय पशु चिकत्सक सह कृत्रिम गर्भाधानकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कही। जिले में दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढोतरी को सामूहिक चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि अपनी गाय, अपनी खेत व अपना खाद के नारे को आत्मसात करने की जरूरत है।
कामधेनु कैटल डेवलपमेंट के तत्वावधान में आयोजित इस एकदिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता श्री कांत राय ने की जबकि संचालन अजीत कुमार राय ने किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए बरौनी डेयरी के अध्यक्ष विजय शंकर सिंह, प्रबंध निदेशक सुनील रंजन मिश्रा, विधान पार्षद सर्वेश कुमार सिंह, मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह, कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ धनकू समेत अन्य ने केन्द्रीय मंत्री के अनुभव का लाभ लेने व पशुपालक किसानों की आय बढाने के लिए पशुओं के नस्ल सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। सम्मेलन में तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए एबीएस पुणे के पशु वैज्ञानिक डा. अरविद गौतम, अभिषेक कुमार, एसएनजीएनडीडीबी के डीजीएम डा. संजय गोरानी ने डेयरी फार्मिंग के लिए सैक्ससेल सीमेन बनाने की प्रक्रिया, उसके महत्व व विभिन्न डेयरी के माध्यम से उसके इस्तेमाल के विषय में जानकारी देकर प्रशिक्षित किया। मौके पर अतिथियों को स्वागत शाल व पुष्प देकर किया गया वहीं पांच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कृत्रिम गर्भाधान कर्ताओं को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले में श्री लाल कुमार, नवीन कुमार, जितेन्द्र कुमार, श्याम किशोर व शशिरंजन शामिल रहे। इस अवसर पर भाजना नेता अमरेन्द्र कुमार अमर, अशोक कुमार सिंह उर्फ कुमार साहेब, बबलू कुमार, सुमित सन्नी, कुंदन भारती समेत सैकड़ों स्थानीय किसानों की सहभागिता रही।
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