Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एकंबा गांव में जलजमाव, स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 30 Aug 2021 09:38 PM (IST)

    बेगूसराय एकंबा पंचायत के वार्ड नंबर 12 में विगत दिनों हुई बारिश से सैकड़ों घरों में जल

    Hero Image
    एकंबा गांव में जलजमाव, स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद

    बेगूसराय : एकंबा पंचायत के वार्ड नंबर 12 में विगत दिनों हुई बारिश से सैकड़ों घरों में जलजमाव है। इंटर स्तरीय सरकारी मदरसा, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र में जलजमाव से पढ़ाई बंद हो गई है। किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों के अनुसार सैकड़ों मुर्गियां एवं बकरी मर गई है। वहीं भूखे प्यासे लोग होटल से खाना मंगाकर किसी तरह जान बचा रहे हैं। शौचालय जाने तक पर भी आफत है। सोमवार को दैनिक जागरण में इससे संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि पंपसेट लेकर पहुंचे तो जरूर लेकिन, जल निकासी कहां की जाए यह प्रश्न खड़ा हो गया। इससे जल निकासी नहीं हो पाई। अभी तक अंचल प्रशासन द्वारा ना निरीक्षण किया गया है और न ही कोई सहायता दी गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भूखे मर रहे मवेशी, भूख प्यास से तड़प रहे लोग : मो. नियामत हुसैन, मो. आबिद, मो. शमशेर, मो. लालो, मो. इसराफिल, मो. इरशाद मंसूरी, मो. हैदर, मो. किस्मत, मो. अलीम, मो. नौशाद, फातिमा खातून सहित पंचायत के वार्ड नंबर 12 के 160 घरों में जल जमाव है। लगभग कई परिवार गांव के तालाब के मोहार या ऊंचे स्थान पर पलायन कर गए हैं, चूंकि घर में कमर भर पानी जमा है, जिसमें सांप बिच्छू तैर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग मुर्गियां एवं बकरियां चारा के अभाव के कारण दम तोड़ चुकी है।

    अपने खर्च से मदरसा से जलनिकासी : एकंबा में इंटर स्तरीय सरकारी नूरिया मदरसा स्थित है। यहां राज्य भर के सैकड़ों छात्र अध्ययन के लिए आते हैं। मदरसा के अंदर कमर भर पानी जमा है। यहां के प्रधानाध्यापक बताते हैं कि आज पंपसेट लगाकर पानी निकाल रहे हैं। जितना पानी निकालते हैं पुन: उतना पानी जमा हो जाता है। पढ़ाई लिखाई सब चौपट हो गया है। बीमारी से आक्रांत होने का डर है। अधिकारी जनप्रतिनिधि सिर्फ भाषण दे रहे हैं। देखिए हम लोग कितना कष्ट भोग रहे हैं। यहां पंचायत के निवर्तमान मुखिया राजेश सिंह बैठे हुए थे, परंतु आचार संहिता लागू होने के कारण फोटो खींचते देख वहां से चलते बने। कहा, हम कुछ नहीं कर रहे हैं। मदरसा वाले अपनी खर्च से जल निकासी करा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका खुशबू खातून बताती हैं कि सड़क एवं मोहल्ले में जमा पानी में डूब जाएगा, इसलिए आंगनबाड़ी एवं विद्यालय में बच्चे नहीं आ रहे हैं। इतना दुर्गंध फैला हुआ है कि गांव में रहना मुश्किल है। कहते हैं अधिकारी : छौड़ाही अंचल के सीआइ सुरेंद्र कुमार सिंह जलजमाव से हो रही परेशानी को समस्या मानने से ही इंकार करते रहे। जब उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया तो बताया कि अभी छुट्टी में आ गए हैं। छुट्टी से वापस आने पर इस समस्या को देखेंगे। सीआइ ने सलाह दी कि आप सीओ महोदय से बात करिए। परंतु, सीओ का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बताता रहा।