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    Matihani Seat: मटिहानी विधानसभा बनी ‘हॉट सीट’, किसको मिलेगा टिकट? दोनों गठबंधन के नेताओं में बढ़ी बेचैनी

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 05:14 PM (IST)

    बेगूसराय जिले की मटिहानी विधानसभा सीट चुनाव की घोषणा से पहले ही चर्चा में है। राजग और महागठबंधन दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान मची है। महागठबंधन में माकपा और राजद के बीच टिकट को लेकर दावेदारी है तो वहीं राजग में लोजपा और जदयू के नेता अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि मटिहानी सीट किसके खाते में जाती है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)

    श्रीकृष्ण मिश्र, बेगूसराय। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मटिहानी सीट फिलहाल चर्चा के केंद्र में है। राजग हो या महागठबंधन दोनों ही गठबंधनों में अभी सीट बंटवारे को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

    लेकिन मटिहानी विधानसभा सीट पर नेताओं के दावों ने सियासी सरगर्मी तेज कर दी है।  नेताओं से लेकर आम जनता तक, हर ओर टिकट को लेकर चर्चा जोरों पर है। यही वजह है कि मटिहानी इस वक्त जिले की ‘हाट सीट’ बन चुकी है।

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    दिलचस्प बात यह है कि दोनों गठबंधन में शामिल दलों के नेता अपने-अपने मजबूत दावे खुलकर पेश कर रहे हैं।  महागठबंधन की ओर से माकपा ने फिर से इस सीट पर अपना दावा ठोका है।

    पार्टी नेताओं का कहना है कि पिछले चुनाव में मटिहानी सीट उन्हीं के खाते में थी और वे मामूली अंतर से जीत से चूक गए थे। इस बार फिर वे इस सीट पर अपनी उम्मीदवारी तय मान रहे हैं।

    हालांकि, हाल ही में राजद के कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने इशारों-इशारों में पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह को मैदान में उतारने की बात कह दी, इससे माकपा की बेचैनी बढ़ गई है।

    उधर, राजग खेमे में भी टिकट को लेकर हलचल तेज है। पिछले विधानसभा चुनाव में मटिहानी सीट लोजपा के खाते में गई थी, और यही वह सीट थी जिस पर पार्टी को पूरे बिहार में एकमात्र जीत मिली थी। अब लोजपा नेता इस सीट को प्रतिष्ठा की सीट बताते हुए दावा कर रहे हैं कि यदि यह सीट उनके हिस्से में नहीं आई तो यह उनके साथ अन्याय होगा।

    मौजूदा विधायक जदयू में शामिल

    हालांकि, समीकरण बदल चुके हैं मटिहानी के मौजूदा विधायक, जो लोजपा के टिकट पर जीते थे, बाद में जदयू में शामिल हो गए। अब जदयू भी इस सीट पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि वर्तमान विधायक मुख्यमंत्री के विश्वासी हैं, इसलिए टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

    अब देखना यह दिलचस्प होगा कि दोनों गठबंधनों के शीर्ष नेता टिकट बंटवारे में किस पर सहमति बनाते हैं क्या मटिहानी सीट फिर से पुरानी पार्टी के खाते में जाएगी या नए समीकरण के तहत किसी और के हिस्से में आएगी।