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    KK Pathak : आखिरकार नरम पड़ा शिक्षा विभाग, शिक्षकों को भीषण गर्मी में दे दी बड़ी राहत; पढ़ लें नया निर्देश

    Updated: Sun, 02 Jun 2024 03:31 PM (IST)

    बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षकों के प्रति नरम पड़ गए हैं। उन्होंने स्कूल आने-जाने का समय बदल दिया है। बता दें कि पिछले दिनों भीषण गर्मी स्कूलों में कई बच्चे बेहोश हो गए। वहीं शिक्षक की भी जान चली गई। बच्चों के लिए तो स्कूल बंद कर दिया गया लेकिन शिक्षकों को अभी भी स्कूल जाना है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सहयोगी, बखरी (बेगूसराय)। बेगूसराय जिले में विद्यालय संचालन के समय में सुधार के बाद बखरी के शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। बताते चलें कि एक से आठ जून तक के लिए डीईओ ने विद्यालय निरीक्षण का समय सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक निर्धारित कर दिया है।

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    पहले शिक्षकों को सुबह छह बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक विद्यालय में रहना पड़ता था। बीते दिनों राज्य में कई बच्चों के बीमार होने और भारी किरकिरी के बाद मुख्यमंत्री ने मामले में हस्तक्षेप कर आठ जून तक के लिए विद्यालय बंद करने का निर्देश जारी किया था।

    बावजूद इसके, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को विद्यालय में पूर्ववत बने रहने का निर्देश दिया था। अब नये समय सारिणी से शिक्षकों से राहत की सांस ली है।

    विशिष्ट शिक्षक नियमावली में आंशिक संशोधन की मांग

    सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों के विद्यालय एलाटमेंट हेतु विशिष्ट शिक्षक नियमावली में अपेक्षित आंशिक संशोधन की मांग सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी आनंद पुष्कर ने की है। इस संबंध में उन्होंने शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा है। इसके साथ ही उनसे मिलकर इस मामले में संज्ञान लेने को कहा है।

    आनंद पुष्कर ने कहा है कि मानवीय आधार पर विभाग द्वारा विशेष जरुरतमंद विशिष्ट शिक्षकों को च्वाइस बेस्ड जिला व विद्यालय एलाटमेंट करना उनके साथ नैसर्गिक न्याय होगा।

    ये है मांग 

    उन्होंने मांग की है कि विकलांग, पति-पत्नी का समान विभाग, सैन्य कर्मियों के पति - पत्नी के बहाल शिक्षक/शिक्षिका, बीमार आश्रितों की देखभाल जैसे अन्य अति आवश्यक आधारों पर जरुरतमंद सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को च्वाइस बेस्ड जिला व विद्यालय एलाटमेंट किए जाएं, ताकि निर्विघ्नता व सुगमतापूर्वक विद्यालयों में वे अपना शत-प्रतिशत योगदान दे सकें।

    उससे राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने जरुरतमंद शिक्षकों की इस जायज मांग को राज्य के शिक्षा मंत्री के संज्ञान में लाने का काम किया है।

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