Updated: Sun, 04 May 2025 07:37 PM (IST)
अज्ञात चोर थाना परिसर में साइकिल से दाखिल होता है। कुछ समय तक परिसर में घूमने के बाद वहां लगी बाइक लेकर चला जाता है और अपनी साइकिल परिसर में ही छोड़ जाता है। यह अजीब घटना के बेगूसराय की। अब मामले में पुलिस घटना का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
केशव किशोर, मंझौल (बेगूसराय)। उत्पाद थाना मंझौल से विगत नौ अप्रैल को बाइक चोरी की वारदात में सीसीटीवी फुटेज की टाइमिंग और प्राथमिकी कई बड़े सवाल खड़ा कर रहे ही। चोर मेहमान की तरह कभी साइकिल तो कभी बाइक से थाना परिसर में दाखिल होकर मनमर्जी करता रहा। इस दौरान पुलिस का मुख्य गेट से आना जाना लगा रहा, परंतु किसी ने उससे पूछताछ करना मुनासिब नहीं समझा।
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वारदात की टाइमिंग से पैदा होता संदेश
सीसीटीवी फुटेज में बाइक चोरी की टाइमिंग और प्राथमिकी में अंकित की गई टाइमिंग में भी अंतर है। यह घटना कई प्रकार के संदेह पैदा कर रहा है। सबसे बड़ी बात, इस मामले में किसी भी बड़े अथवा छोटे अधिकारी कुछ भी स्पष्ट बताने काे तैयार नहीं हैं। सभी स्थानीय थाना से जानकारी लेने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं।
दिन 11 बजे बाइक चोरी की बात
प्राथमिकी में बीते नौ अप्रैल को दिन के 11 बजे उत्पाद थाना परिसर से बाइक चोरी होने की बात कही गई है। जबकि विभिन्न पहलुओं पर जानकारी इकट्ठा करने पर सीसीटीवी के अनुसार उक्त फुटेज में अज्ञात चोर दिन के लगभग 10:49:46 बजे परिसर में साइकिल से दाखिल होता है। कुछ समय तक परिसर में घूमने के बाद वहां लगी बाइक लेकर चला जाता है और अपनी साइकिल परिसर में ही छोड़ जाता है।
साइकिल परिसर में खड़ी
चोर की साइकिल परिसर में ही लगी रहती है। कुछ समय बाद पुनः लगभग 12:15:30 में उक्त चोर वापस परिसर में बाइक से आता है, परिसर में घूमता रहता है। इस दौरान वहां पर कोई भी विभागीय अधिकारी या गार्ड उससे पूछताछ करने की जरूरत नहीं समझते हैं। जबकि सीसीटीवी फुटेज में इस दौरान कई बार उत्पाद थाना की पुलिस गेट से बाहर आती और जाती दिख रही है।
पैदल आता चोर, बाइक ले जाता
इसके बाद वह चोर बाइक छोड़ फिर अपनी साइकिल लेकर वापस चला जाता है। दिन के लगभग 3:13 बजे उसी दिन उक्त चोर पैदल परिसर में दाखिल होता है। इसके कुछ मिनट के बाद वह बाइक लेकर वहां से चला जाता है। उक्त सारी घटना वहां पर लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है। विभागीय अधिकारियों के द्वारा मंझौल थाना में प्राथमिकी तो अंकित की जाती है, लेकिन उस दिन के संपूर्ण फुटेज की जांच नहीं की जाती है। दबी जुबान कुछ लोग इसे उत्पाद थाना पुलिस की मिलीभगत भी बता रहे हैं।
12 अप्रैल का फुटेज नहीं मिल रहा
वहीं जांच के दौरान जब उत्पाद थाना में मंझौल पुलिस वीडियो लेने पहुंचती है, तब सीसीटीवी में 12 अप्रैल के पहले का वीडियो नहीं मिल पाता है। विभागीय अधिकारी से जानकारी लेने पर पता चलता है कि स्टोरेज एक माह का ही है। जबकि चोरी नौ अप्रैल तथा प्राथमिकी 10 अप्रैल को कराई गई है। वहीं मंझौल पुलिस तीन मई को सीसीटीवी फुटेज लेने पहुंचती है।
बात टाल रहे जिम्मेदार लोग
इस संबंध में जब उत्पाद विभाग के वरीय अधिकारी सौरभ कुमार ने मंझौल थाना से जानकारी लेने की बात कहकर बात टाल गए। मालखाना प्रभारी मो. मंजर हुसैन से जब संपूर्ण जानकारी देकर बात की गई, तब उनकी जुबान लड़खड़ाने लगी और वरीय अधिकारी से बात करने की बात कह कर नंबर देते हुए फोन काट दिया।
अनुसंधान करने में लगे हैं
इस संबंध में जब मंझौल थाना प्रभारी रविंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अंकित प्राथमिकी के अनुसार हमलोग अनुसंधान करने में लगे हैं। बहुत जल्द मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
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