प्राथमिकी दर्ज होते ही खुलने लगी खाताधारकों से विश्वासघात की कहानी
बेगूसराय। प्राथमिकी दर्ज होते ही खाताधारकों से विश्वासघात की कहानी अब परत दर परत खुलने लगी है। धोखाधड़ी का मामला भारत सरकार द्वारा 1000 और 500 के करेंसी के चलन से बाहर किए जाने के बाद की है। इस मामले में ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। शाखा प्रबंधक अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
बेगूसराय। प्राथमिकी दर्ज होते ही खाताधारकों से विश्वासघात की कहानी अब परत दर परत खुलने लगी है। धोखाधड़ी का मामला भारत सरकार द्वारा 1000 और 500 के करेंसी के चलन से बाहर किए जाने के बाद की है। इस मामले में ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। शाखा प्रबंधक अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। नोटबंदी के दौरान की गई गड़बड़ी
एसबीआइ ग्राहक सेवा केंद्र, शाहपुर के लगभग दो दर्जन खाताधारकों के खाते से धोखाधड़ी कर राशि की अवैध निकासी की गई है। अब एक आरोपित के गिरफ्तार होने से प्रखंड के दो और ग्राहक सेवा केंद्र के खाताधारक भी अपने रुपये गबन कर लिए जाने की शिकायत कर रहे हैं। विनोद दास, विभा देवी, रिकू देवी, सुरेंद्र चौधरी, ध्रुव नारायण महतो सहित दर्जनों खाताधारकों का कहना है कि नोटबंदी के बाद सरकार ने घोषणा की थी कि 500 और 1000 के नोट बैंक में जमा करें, वह वैध मानी जाएगी। जब निकासी के लिए गए तो निकासी पर रोक है की बात कहकर हमलोगों को टरकाते रहे। जब भी हम लोग ग्राहक सेवा केंद्र शाहपुर एवं एसबीआई गढ़पुरा मुख्य शाखा में शिकायत करने को गए तो वहां भी हमलोगों से बार-बार फिगरप्रिट मशीन पर लिया गया और कहा गया कि सबको राशि मिल जाएगी। राशि मिलनी तो दूर, खाते में जमा सभी राशि भी इन लोगों ने अवैध रूप से निकासी कर ली। इन खाताधारकों के अनुसार गबन की गई राशि एक करोड़ से ज्यादा की है। बैंक प्रबंधक फील्ड अफसर हो गए भूमिगत
छौड़ाही पुलिस ने 420, 407, 408, 409, 120 (बी) भादवि एवं 66, 66 ए आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। संगीन धाराओं में मामला दर्ज होते ही तत्कालीन एसबीआइ गढ़पुरा शाखा प्रबंधक अनिल कुमार वर्मा, फील्ड ऑफिसर धर्मेंद्र कुमार, सहायक फील्ड ऑफिसर अमरजीत कुमार भूमिगत हो गए हैं। छौड़ाही पुलिस का मानना है कि उक्त तीनों लोग फिगरप्रिट एक्सेस कर धोखाधड़ी एवं गबन में मुख्य भूमिका निभाई है। कहते हैं बैंक प्रबंधक
एसबीआइ गढ़पुरा शाखा के वर्तमान शाखा प्रबंधक का कहना है कि मैं किसी भी तरह की जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हूं। यह मामला भी मेरे कार्यकाल से पहले का है। पुलिस जब भी जांच को आएगी उन्हें भरपूर सहयोग दिया जाएगा। कहते हैं ओपी अध्यक्ष
इस संबंध में बात करने पर छौड़ाही ओपी अध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि बैंक प्रबंधक समेत तमाम आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी प्रारंभ कर दी गई है। मामला दर्ज होने के बाद कई अन्य लोगों के खाता से भी राशि की अवैध निकासी की बात सामने आ रही है। मुख्य ब्रांच से खाताधारकों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। लोग लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराएं, इंसाफ जरूर मिलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।