छठ-दीपावली के बाद अब वापस लौटने की जंग, ट्रेन में घुसने के लिए हो रही 'धक्का-मुक्की'
छठ और दीपावली के बाद घर वापसी कर रहे यात्रियों की वजह से बरौनी रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ है। ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है, जिससे यात्रियों को काफ़ी परेशानी हो रही है। आरक्षण मिलना मुश्किल हो गया है और लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। दलालों द्वारा टिकटों की कालाबाजारी भी जारी है।

भीड़ इतनी कि ट्रेन में चढ़ने के लिए करनी पड़ रही भारी मशक्कत
संवाद सूत्र, बरौनी (बेगूसराय)। पहले घर आने के लिए जद्दोजहद, और अब लौटने के लिए धक्का-मुक्की। सामान्य दिनों में चलने वाली ट्रेनें, चाहे वह एक्सप्रेस हो या पैसेंजर, रेल यात्रियों को चढ़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सीट की तो बात ही छोड़ दें, खड़े रहना भी मुश्किल हो रहा है।
फिलवक्त ट्रेनों की स्थिति ऐसी है कि अगर आपको जगह नहीं मिली है और मोबाइल पर कॉल आ जाए जो जेब से मोबाइल निकालकर कॉल रिसीव करना भी मुश्किल हो रहा है। जिले का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन बरौनी की स्थिति सबसे अधिक खराब है।
भीड़ की वजह से कई रेल यात्री तो चढ़ नहीं पा रहे हैं। सामान्य स्लीपर, वातानुकूलित स्लीपर कोच की भी स्थिति बदतर है। लोग शौचालय के सामने खड़े होकर और पायदान पकड़ कर जान जोखिम में डाल यात्रा करने को विवश हैं।
लगभग सभी ट्रेनें फुल, नहीं मिल रहे आरक्षित टिकट
महापर्व छठ समाप्ति के बाद नौकरी पेशा लौटने वाले कामगारों की भीड़ लंबी दूरी की ट्रेनों में सर्वाधिक देखी जा रही है। वातानुकूलित बोगी, स्लीपर बोगी को कौन कहे, सामान्य बोगी में भी यात्रा करना मुश्किल हो रहा है।
रेगुलर ट्रेनों में आरक्षण सुविधा बिल्कुल नदारत है। लंबी दूरी की विभिन्न ट्रेनों में पहले से ही सीट फुल बता रहा है। आरक्षण काउंटर से तत्काल टिकट बमुश्किल से एक-दो ही कट पाता है।और स्पेशल ट्रेनें घंटों विलंब से चलने एवं उक्त ट्रेन के बारे में कामगारों को पूर्व से जानकारी नहीं मिलने से इन ट्रेनों की सीट खाली जा रही है।
रेल प्रशासन के द्वारा आधार कार्ड को लेकर साइबर कैफे जैसे बिचौलियों पर रोक लगाने की कोशिश की गई है, बावजूद इसके अभी तक उसमें पूरी तरह सफलता नहीं मिली है। वे लोग दूसरे लोगों के आईडी से आरक्षण टिकट कटवा कर प्रति रेलयात्री 15 सौ से दो हजार रुपये अधिक कमाने रहे हैं।
गुरुवार को ललितग्राम-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन, जयनगर-पटना जंक्शन नमो भारत रैपिड रेल में पायदान तक इतनी भीड़ थी कि बरौनी जंक्शन प्लेटफार्म पर रेल यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। कई रेलयात्री किसी तरह से पायदान पर लटकते हुए यात्रा करने को मजबूर हुए।

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