Video: बिहार में चलती ट्रेन में मोबाइल चोर को दबोचा, खिड़की से लटकाए हुए छह किमी ले गए यात्री
पकड़ा गया उचक्का चलती ट्रेन में झपट्टा मार कर मोबाइल फोन छिनतई के कई मामले में संलिप्त है। उसे जेल भेजा जाएगा। आरोपित की पहचान बेगूसराय पंकज कुमार के रूप में हुई है। किसी यात्री ने खिड़की से लटके उचक्के का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
जागरण संवाददाता, बेगूसराय: बिहार में बरौनी-कटिहार रेलखंड पर बीते मंगलवार (13 सिंतबर) को पैसेंजर ट्रेन में खिड़की के बाहर से स्लीपर बोगी में बैठी एक महिला से मोबाइल फोन की छिनतई करना एक उचक्के को महंगा पड़ गया। साहसी महिला ने उसका हाथ अंदर से दबोच लिया और पति व सहयात्रियों के सहयोग से उसे ट्रेन की खिड़की के बाहर हवा में लटकाए छह किमी दूर ले गई। उमेश नगर में जब ट्रेन रुकी तो यात्रियों ने उचक्के को बाहर से अंदर बोगी में किया और उसकी जमकर पिटाई की। फिर उसे वहां से नौ किमी आगे ट्रेन के खगड़िया स्टेशन पहुंचने पर जीआरपी को सौंप दिया।
पकड़ा गया उचक्का चलती ट्रेन में झपट्टा मार कर मोबाइल फोन छिनतई के कई मामले में संलिप्त है। उसे जेल भेजा जाएगा। आरोपित की पहचान बेगूसराय पंकज कुमार के रूप में हुई है। किसी यात्री ने खिड़की से लटके उचक्के का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में उचक्का गिरने के भय से यात्रियों से गुहार लगाता सुना जा रहा है कि वे लोग उसका हाथ नहीं छोड़ें और जान बचा लें। यात्रियों ने भी मानवता दिखाई और उसे ट्रेन के अगले ठहराव उमेश नगर तक ट्रेन की खिड़की के बाहर लटकाए रखा।
#WATCH | Khagaria, Bihar: Passengers caught hold of a man, kept him hanging outside from a window of a moving train as he allegedly tried to snatch mobile phones from them (15.09) pic.twitter.com/PY71wN2BmD— ANI (@ANI) September 15, 2022
जानकारी के अनुसार खगड़िया के सत्यम कुमार सपरिवार बेगूसराय से खगडि़या लौट रहे थे। साहेबपुर कमाल जंक्शन से जैसे ही ट्रेन खुली, एक झपट्टामार ने उनकी पत्नी के हाथ से बोगी की खिड़की में हाथ डालकर मोबाइल फोन छीनने का प्रयास किया। परंतु महिला ने तत्परता दिखाते हुए उसका हाथ कस कर पकड़ लिया, यह देख पति सत्यम ने भी उचक्के का दूसरा हाथ दबोच लिया। इसी बीच ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली, मगर पति-पत्नी मजबूती से उसका हाथ पकड़े रहे। यह देख अन्य यात्री भी जुट गए और उचक्के के हाथ को पकड़े रखने में मदद की। इस बीच उचक्का रो-रोकर जान बचाने की गुहार लगाने लगा। यात्री उसका हाथ पकड़े-पकड़े छह किलोमीटर दूर उमेश नगर स्टेशन तक ले गए।