बेगूसराय में बाढ़ ने छीनी सात जिंदगियां, प्रशासनिक लापरवाही पर ग्रामीणों का आक्रोश
जिले में शनिवार और रविवार को बाढ़ के पानी में डूबने से महिला बच्ची समेत 10 लोगों की मौत हो गई। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सनसनी और मृतकों के स्वजनों में कोहराम मचा है। शाम्हो में मां-बेटी और पूर्व वार्ड सदस्य की मौत के बाद एनडीआरएफ एसडीआरएफ की अनुपस्थिति और कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी है।

जागरण संवाददाता, बेगूसराय। जिले में शनिवार और रविवार को बाढ़ के पानी में डूबने से महिला, बच्ची समेत 10 लोगों की मौत हो गई। इन घटनाओं से बाढ़ प्रभावित इलाकों में सनसनी और मृतकों के स्वजनों में कोहराम मचा है। शाम्हो में मां-बेटी और पूर्व वार्ड सदस्य की मौत के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की अनुपस्थिति और कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी है।
शाम्हो की बड़ी घटना
धनहा गांव में 25 वर्षीय बंदना कुमारी और उनकी सात वर्षीय बेटी अनन्या, जबकि बिजुलिया पश्चिम टोला में पूर्व वार्ड सदस्य धीरज कुमार की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई। स्थानीय गोताखोरों ने शव निकाले, पर एसडीआरएफ मौके पर नहीं पहुंची। आरोप है कि सीओ को बार-बार फोन करने पर भी काल रिसीव नहीं किया गया। शवों को सदर अस्पताल भेजा गया।
सलेमाबाद में दो वर्षीय बच्ची डूबी
साहेबपुरकमाल के सलेमाबाद दियारा में दो वर्षीय अंजली कुमारी आंगन में खेलते समय पानी में बह गई। बछवाड़ा प्रखंड में दो दिन में तीन मौतें हुई। 38 वर्षीय अशोक यादव मवेशियों के लिए चारा लाते समय गहरे पानी में डूब गए वहीं 12 वर्षीय रुचि कुमारी और 51 वर्षीय शत्रुघ्न राय भी तेज बहाव में डूब गए। ग्रामीणों ने नाव और आवश्यक सुविधाओं की भारी कमी का आरोप लगाया।
मटिहानी के रामदीरी भवानंदपुर टोला में 86 वर्षीय जगदीश सिंह की मौत शौच के दौरान पैर फिसलने से गहरे पानी में डूबने से हुई। वहीं, बरौनी के रुपनगर में 21 वर्षीय गौतम कुमार गंगा स्नान के दौरान डूब गए।
ग्रामीणों का आक्रोश
स्थानीय प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि एसडीआरएफ की नावें केवल दिखावे के लिए हैं और प्रशासन बाढ़ में होने वाली मौतों से कोई सबक नहीं ले रहा। हर साल बाढ़ में तीन-चार मौतें आम हो चुकी हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित लोगों को सतर्कता बरतने, बच्चों को पानी के पास न जाने देने और खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। सीओ ने आश्वासन दिया कि कागजी प्रक्रिया पूरी कर पीड़ित परिवारों को सहायता राशि दी जाएगी।
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