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    BPSC Teacher Counselling 2023: काउंसलिंग के तीसरे दिन अचानक बढ़ गई भीड़, कुव्यवस्था के कारण बेहोश होकर गिरे कई अभ्यर्थी

    बीपीएससी का रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग जारी है। किसी सेंटर हंगामा तो कहीं कुव्यवस्था के कारण झड़प की खबर आए दिन सामने आ रही है। अब बेगूसराय में कुव्यवस्था के कारण पतझड़ की तरह बेहोश हो-होकर अभ्यर्थी के गिरने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां के केंद्रों पर भीड़ बढ़ने का कारण प्रथम दिन से सुस्त चल रही काउंसलिंग है।

    By Khalid TanveerEdited By: Mukul KumarUpdated: Tue, 24 Oct 2023 01:29 PM (IST)
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    काउंसलिंग के तीसरे दिन अचानक बढ़ गई भिड़

    जागरण संवाददाता, बेगूसराय। बीपीएससी शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के तीसरे दिन रविवार को भीड़ अचानक से कई गुणा अधिक बढ़ गई। भीड़ के कारण अत्यधिक गर्मी से कई अभ्यर्थी बेहोश हो गए थे। भीड़ बढ़ने का कारण प्रथम दिन से काउंसलिंग सुस्त चल रही है।

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    प्रथम दिन और दूसरे दिन के बाकी बचे अभ्यर्थियों के साथ 22 की तिथि वाले करीब छह सौ और विद्यार्थियों की भीड़ अचानक से काउंटर पर जमा हो गई। उस पर गजब ये हुआ कि शनिवार की रात्रि नवम एवं दशम के बीपीएससी शिक्षक अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया गया। जिससे भीड़ और बढ़ गई।

    जानकारी के अनुसार बीपीएससी द्वारा पूर्व में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 24 तक प्रारंभिक एवं उच्चतर माध्यमिक के शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होनी थी। इस दौरान नवम एवं दशम का रिजल्ट नहीं जारी हुआ था।

    इसके कारण जिला प्रशासन से प्रारंभिक एवं उच्चतर माध्यमिक के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए काउंसलिंग की तिथि निर्धारित करते हुए एक स्थान डीआरसीसी में कार्य प्रारंभ करा दिया गया। दोनों वर्गों में तकरीबन चार हजार अभ्यर्थियों की काउंसलिंग डीआरसीसी में होनी थी।

    इसके लिए छह से सात सौ अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रतिदिन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। परंतु, प्रथम दिन काउंसलिंग में भारी अव्यवस्था के कारण सिर्फ तीन सौ अभ्यर्थियों की ही काउंसलिंग हुई। जबकि टोकन साढ़े सात सौ से अधिक अभ्यर्थियों को दिया जा चुका था।

    दूसरे दिन छह से सात सौ अभ्यर्थियों की होनी थी काउंसलिंग 

    दूसरे दिन यानी शनिवार को फिर छह से सात सौ अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होनी थी। प्रथम दिन के टोकन वालों को 25 के बाद काउंसलिंग की बात कही गई।

    मगर अभ्यर्थी अड़ गए और टोकन प्राप्त अभ्यर्थियों की पहले काउंसलिंग की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण प्रशासन ने टोकन वितरण नहीं किया और प्रथम दिन के बचे हुए अभ्यर्थियों की काउंसलिंग शुरु कर दी। जिसकी काउंसलिंग में पूरा दिन समाप्त हो गया और फिर भी प्रथम दिन के अभ्यर्थी बचे रह गए।

    इसे तीसरे दिन यानी रविवार को भी काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। अब दूसरे दिन के करीब छह सौ और तीसरे दिन के करीब छह सौ मतबल 12 सौ अभ्यर्थी और प्रथम दिन के करीब एक सौ अभ्यर्थी यानी 13 सौ अभ्यर्थियों की भीड़ काउंटर पर खड़ी थी।

    छोटा पड़ गया डीआरसीसी का कैंपस

    इसी बीच अचानक से नवम एवं दशम के अभ्यर्थी भी काउंसलिंग कराने के लिए पहुंच गए। इसमें सबसे अहम पहलू ये था कि 16-17 सौ अभ्यर्थियों के साथ करीब उतने ही अभिभावक भी यहां जमा हो गए थे। जिसके कारण डीआरसीसी का कैंपस छोटा पड़ गया।

    इससे हाल का वातावरण काफी गर्म गया और कई शिक्षक अभ्यर्थी बेहोश हो-होकर गिर गए। जिसे अन्य अभ्यर्थियों ने पानी आदि का छींटे देकर होश में लाया। इनसेट टोकन काउंटर पर दो बार हुआ हल्का बल प्रयोग टोकन प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी रात भर काउंटर के बाहर बैठे अथवा वहीं पर सो गए थे।

    सुबह सवेरे से लाइन लंबी लगनी शुरु हो गई। जिसका दायरा हाल से बाहर और कैंपस से बाहर तक फैल गया। काउंटर निर्धारित समय पर खुला, कर्मी काउंटर पर बैठे, कुछ टोकन वितरित हुआ। परंतु, भीड़ बेकाबू होकर टोकन लेने का प्रयास करने लगी।

    इसके कारण पुलिस बलों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दो बार हल्का बल प्रयोग किया। लाइन सीधी हुई, मगर बार-बार स्थिति जस की तस हो जा रही थी। जिसके कारण टोकन काउंटर को फिर से बंद कर दिया गया। जो रविवार की शाम करीब पांच बजे तक दोबारा नहीं खुल सका।

    दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद प्रशासन की खुली नींद

    दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार पर शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसलिंग होने के कारण हर किसी को जल्दबाजी है। हर कोई जल्द से जल्द काउंसलिंग कराकर मुक्त होने के प्रयास में लगा है। दैनिक जागरण ने प्रथम बार इसको लेकर विस्तार से सारी वस्तु स्थिति के साथ खबर प्रकाशित की।

    खबर प्रकाशित होने के उपरांत रविवार को जिला प्रशासन के द्वारा सदर बीडीओ सहित कई पुलिस पदाधिकारियों को डीआरसीसी में तैनात किया गया। सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के बाद कुछ हद तक भीड़ कंट्रोल तो हुई, मगर काम में अब भी सुस्ती बरकरार है।

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