Bihar Panchayat Election: बेगूसराय में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज, संभावित आरक्षण बदलाव से गांवों में बढ़ी हलचल
बेगूसराय में पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। आरक्षण में संभावित बदलाव की खबरों से गांवों में हलचल है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपनी तैयारियों में जुट गए हैं और मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। गांवों में राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा जोरों पर है।

बिहार पंचायत चुनाव (फोटो जागरण)
संवाद सहयोगी, लाखो (बेगूसराय)। विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही सदर प्रखंड बेगूसराय में 2026 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जून-जुलाई 2026 में चुनाव हो सकते हैं, भले ही आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।
पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्ति के करीब आते ही संभावित उम्मीदवारों ने गांव-गांव जाकर जनसंपर्क शुरू कर दिया है। सरपंच, मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के दावेदार अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं।
गांवों में चौपालों और सामाजिक कार्यक्रमों में चुनावी चर्चा आम हो चुकी है। कई वर्तमान जनप्रतिनिधि अब तक हुए विकास कार्यों की सूची जनता के सामने रखकर दोबारा मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं नए चेहरे अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे हैं।
खासकर युवा और महिलाओं में चुनाव लड़ने की उत्सुकता बढ़ी है। प्रशासनिक स्तर पर भी प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मतदाता सूची के अद्यतन, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने और बूथों के पुनर्गठन को लेकर काम तेज हो सकता है। भले ही पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं होंगे, लेकिन राजनीतिक दलों की रणनीति स्थानीय राजनीति को प्रभावित करती दिखेगी।
सबसे अधिक चर्चा संभावित आरक्षण बदलाव को लेकर है। कई पंचायतों में सीट बदलने की संभावना से वर्तमान प्रतिनिधि चिंतित हैं, वहीं नए उम्मीदवार इसे अपने लिए अवसर मानकर सक्रियता बढ़ा रहे हैं। ग्रामीण मतदाता भी अपने क्षेत्र में हुए कार्यों का मूल्यांकन कर रहे हैं। कुल मिलाकर 2026 पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट ने बेगूसराय के गांवों में राजनीतिक माहौल को अभी से गरमा दिया है।

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