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    Bihar News: बेगूसराय की हवा में भी घुला दिल्ली जैसा जहर, 315 के खतरनाक स्तर पर पहुंचा एक्यूआई

    By srikrishan mishraEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Fri, 03 Nov 2023 06:18 PM (IST)

    बेगूसराय की हवा भी दिल्ली की तरह खतरनाक हो चुकी है। शुक्रवार को शहर का एक्यूआई स्तर 300 को पार कर गया। यह स्तर मानक के हिसाब से बहुत ही खराब है। इस जहरीली हवा से लोगों को आनेवाले दिनों में कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि वायु प्रदूषण को लेकर शून्य से 50 एक्यूआई अच्छा तो 51 से 100 एक्यूआई संतोषजनक माना जाता है।

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    दिल्ली की तरह बेगूसराय की हवा में भी घुला जहर। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बेगूसराय। बिहार का बेगूसराय शहर की हवा में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तरह जहर घुल चुका है। बेगूसराय में वायू प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। शुक्रवार को यहां का एक्यूआई स्तर 315 पर पहुंच गया, जो मानक के हिसाब से बहुत ही खराब है।

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    आने वाले दिनों में भी एक्यूआई स्तर का स्तर भी अगर ऐसा ही बना रहा, तो शहरवासी श्वांस सहित कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं।

    वायु प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर पर जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है।

    धूल के कण प्रदूषण की बड़ी वजह

    जिले के पन्हांस स्थित डीआरसीसी में लगे वायु प्रदूषण मापक यंत्र के रिपोर्ट के मुताबिक, धूल के कण यहां की हवा को ज्यादा प्रदूसित कर रहे हैं।

    रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम 2.5 और पीएम 1.0 की स्थिति बहुत ही खराब है, जबकि ओ-3, एसओ-2 एवं सीओ की स्थिति अच्छी बताई जा रही है। वहीं एनओ-2 की स्थिति संतोषजनक है।

    बेहतर हवा का क्या है मानक स्तर?

    बता दें कि वायु प्रदूषण को लेकर शून्य से 50 एक्यूआई अच्छा, तो 51 से 100 एक्यूआई संतोषजनक माना जाता है। यदि किसी जिले का एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है, तो वह बहुत ही खराब स्थिति होती है।

    अगर एक्यूआई का स्तर ऐसा ही बना रहा तो, इस जहरीली हवा में लोगों को सांस लेने में दिक्कत का भी सामना करना पड़ सकता है।

    दिल्ली जैसी हो सकती हालत

    बेगूसराय में वायु प्रदूषण के इस खतरनाक स्थिति में पहुंचने का सबसे बड़ा कारण हवा में धूलकण की मात्रा ज्यादा होना माना जा रहा है।

    चाहे वह सरकारी व गैर सरकारी निर्माण कार्य में प्रयुक्त की जा रही सामग्रियों से निकलने वाला धूलकण हो, या फिर वाहनों की आवाजाही से सड़क पर उड़ने वाला धूलकण हो।

    यदि समय रहते जिले में बढ़ रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सार्थक उपाय नहीं किए गए, तो बेगूसराय की हालत भी दिल्ली जैसे महानगरों की तरह बद्तर हो सकती है।

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