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    Bihar News: किसानों की होगी भारी बचत! इस जिले में ड्रोन से होगा फसलों पर छिड़काव, देनी होगी मात्र इतनी राशि

    कृषि विभाग फसलों का उत्पादन एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए किसानों को तकनीकी जानकारी से लेकर कृषि के यांत्रिकीकरण को कार्य किए जा रहे हैं। अब फसल व फलदार पेड़-पौधों का उत्पादन बढ़ाने व कीटों से बचाव के लिए ड्रोन से फसल व फलदार पौधों पर छिड़काव की तैयारी में कृषि विभाग जुट गया है।

    By rupesh kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Mon, 15 Jan 2024 07:13 PM (IST)
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    किसानों की होगी भारी बचत! इस जिले में ड्रोन से होगा फसलों पर छिड़काव। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बेगूसराय। कृषि विभाग फसलों का उत्पादन एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए किसानों को तकनीकी जानकारी से लेकर कृषि के यांत्रिकीकरण को कार्य किए जा रहे हैं।

    अब फसल व फलदार पेड़-पौधों का उत्पादन बढ़ाने व कीटों से बचाव के लिए ड्रोन से फसल व फलदार पौधों पर छिड़काव की तैयारी में कृषि विभाग जुट गया है। ड्रोन से छिड़काव के लिए फिलहाल जिले में दस एकड़ में लगे फसल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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    निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध छिड़काव के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा टेंडर भी कर दिया गया है। फसल व फलदार पेड़-पौधों पर ड्रोन से छिड़काव कराने के लिए किसानों को जिला कृषि कार्यालय में आनलाइन आवेदन करना होगा।

    240 रुपये में एक एकड़ में ड्रोन से फसलों पर छिड़काव

    जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि किसानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया 15 जनवरी से शुरू होगी, जिसमें रैयत किसानों को अपनी भूमि का वर्ष 2018 के बाद का रसीद भी लगाना होगा, जबकि गैर रैयत किसानों को स्व घोषणा पत्र एवं पड़ोस के दो किसानों का गवाह का हस्ताक्षर के साथ आवेदन संलग्न कर जमा कराना होगा।

    उन्होंने कहा कि फसल व पेड़-पौधों पर ड्रोन से छिड़काव कराने पर सरकार किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देगी। जानकारी दी कि एक एकड़ में छिड़काव पर 480 रुपये का खर्च निर्धारित है। इसमें से 240 रुपये ही किसानों को देना पड़ेगा।

    ड्रोन से छिड़काव के लिए एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक का ही लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब मैन्युअल तरीके से ही किसान अपनी फसल व पेड़-पौधे पर छिड़काव कर रहे हैं, जिसमें लागत अधिक आती है, जबकि ड्रोन से छिड़काव पर किसानों को कम लागत लगेगी।

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