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    Bihar Election 2025: जनता को प्रत्याशी का इंतजार, साहेबपुर विधानसभा सीट से कई नामों पर चर्चा

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 05:39 PM (IST)

    बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर साहेबपुर कमाल में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। जनता अपने पसंदीदा प्रत्याशी का इंतजार कर रही है। कई संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हो रही है। स्थानीय लोग विकास कार्यों को प्राथमिकता देने वाले नेता की उम्मीद कर रहे हैं। सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुटी हैं।

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    विनोद कुमार झा, बलिया (बेगूसराय)। साहेबपुर कमाल विधानसभा के चुनाव को लेकर छह नवम्बर को मतदान होना है। शुक्रवार से नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। चुनावी माहौल गरमा चुका है, लेकिन किसी दल ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। चुनावी मैदान बन गया, लेकिन अब तक प्रत्याशी गायब हैं।

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    महागठबंधन के राजद कोटे से विधायक सतानंद संबुद्ध व उनका परिवार दो दशक से विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पहले उनके पिता श्रीनारायण यादव 20 साल तक विधायक एवं सरकार में मंत्री रहे। इसके बाद पुत्र सतानंद संबुद्ध पांच साल से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बीच में उनकी लगातार हो रही जीत को दो बाहरी प्रत्याशी जदयू के कोटे से जमशेद असरफ एवं परवीन अमानुल्लाह चुनाव जीतने में सफल रहे।

    एनडीए गठबंधन अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि यह सीट जदयू या लोजपा के कोटे में जाएगी। कार्यकर्ता टकटकी लगाए हुए है कि किस दल को यह विधानसभा क्षेत्र मिलेगा। जदयू एवं लोजपा (रा.) दोनों दल अपना दम लगाए हुए हैं। लोजपा से सुरेंद्र विवेक खुलकर नजर आ रहे हैं। वहीं, जदयू के दावेदारों की लाइन लगी है। अमर कुमार सिंह, ब्रजकिशोर मेहता, मृत्युंजय कुमार, सुबोध कुमार, नजम इकबाल, मो. एनुल, जमशेद अशरफ सहित कई दावेदार जदयू से हैं।

    जन सुराज सहित अन्य पार्टियों से कई कार्यकर्ता टिकट के लिए लगे हुए हैं। बहुत जल्द सभी दल अपने अपने प्रत्याशी की सूची जारी कर सकते हैं। इसकी चर्चा चौक चौराहे के चौपाल में या चाय दुकान पर चर्चा गर्म रहता है। जब लोगों को फुर्सत हुई, चर्चा शुरू हो जाती है।

    बलिया स्टेशन रोड स्थित पुरानी हास्पिटल के नजदीक अनिल चाय दुकान पर देर शाम चाय पर चर्चा करते हुए बुद्धिजीवियों ने कहा कि इस वार साफ सुथरे माहौल में चुनाव होगा। चुनाव आयोग पहले मतदाता सूची को दुरुस्त किया है, गलत आदमी का नाम हटाया गया है।

    चुनाव में युवा मतदाताओं की भूमिका अहम होगी। कोर्ट के बड़ा बाबू कमलेश झा कहते हैं कि लोगों को अपना मतदान अवश्य करना चाहिए। मतदान कर अच्छे प्रत्याशी एवं बेहतर सरकार का चयन करें। सेवानिवृत्त शिक्षक अवधेश सिंह कहते हैं कि चुनाव का बिगुल तो बज गया, लेकिन किसी दल ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है।

    अधिवक्ता अनंत कुमार पोद्दार कहते हैं कि चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। पहले भी बहुजन पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार भी कहीं मौका मिल जाए।

    अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार कहते हैं जो हमारा एवं किसान मजदूर सहित सबके विकास की बात करेगा, उसे सहयोग करेंगे। चाय दुकानदार अनिल कुमार ने कहा कि जो हम फुटकर दुकानदारों एवं मजदूरों की बेहतरी का कार्य करेगा, उसे सहयोग करेंगे। अभी सरकार बेहतर कार्य कर रही है।