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World Most Polluted City: बिहार का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, IQAir ने जारी की रिपोर्ट

बिहार का बेगूसराय स्विस संगठन आईक्यू एयर की ओर से जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 में 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की औसत पीएम 2.5 सांद्रता के साथ सबसे प्रदूषित नगर में शामिल हो गया है। यहां वर्तमान समय में यह हालत है कि शहर की आवो-हवा सांस लेने लायक नहीं बची है और बेगूसराय का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 400 पार है।

By manish kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Tue, 19 Mar 2024 10:23 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2024 10:23 PM (IST)
बिहार का बेगूसराय बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, बेगूसराय। स्विस संगठन आईक्यू एयर की ओर से जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 में 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की औसत पीएम 2.5 सांद्रता के साथ बेगूसराय सबसे प्रदूषित नगर में शामिल किया गया है।

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वर्तमान समय में शहर की आवो-हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। बेगूसराय का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 400 पार है, हालांकि बीते कई दिनों से बेगूसराय में लगे वायु गुणवत्ता मापने की मशीन के आंकड़े सार्वजनिक नहीं हो रहे, इसके बाद भी सड़कों पर लगातार उड़ती धूलकण की अधिकता से लोगों को राह चलना खतरनाक बना है।

नगर निगम आंकड़े जारी होते ही किया पानी का छिड़काव

नगर निगम द्वारा कुछ माह पूर्व बढ़ते प्रदूषण के आंकड़े जारी होते ही सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया था लेकिन समय गुजरने के बाद नगर निगम भी इस संबंध में उदासीन है, अलबत्ता प्रदूषण फैलाने के आरोप में दर्जनों शहरवासियों से लाखों रुपये का जुर्माना वसूला गया।

बेगूसराय में प्रदूषण बढाने में सीवरेज निर्माण कंपनी जिम्मेदार है। बीते तीन वर्ष से जगह-जगह पाइप लाइन बिछाने के नाम पर सड़कों की खोदाई की गई। खोदाई से निकलने वाली मिट्टी को यथावत छोड़ देने से हवा में धूलकणों की अधिकता है।

ये है प्रदूषण से हालत

हालत यह है कि लोग-बाग तेज रफ्तार वाहनों के टायर से उड़ने वाली धूलकण से बचने के लिए मास्क, गमछा का सहारा ले रहे हैं वहीं जगह-जगह लोग-बाग खुद बाल्टी से पानी छिड़क पर राहत पाने की जुगत में लगे हैं। बाल्टी से पानी बहाए जाने से राहगीरों के लिए फिसलन भी समस्या बनी है।

सीवरेज कंपनी द्वारा पाइप लाइन बिछाए जाने के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए विशनपुर खातोपुर में खोदाई जारी है। देर रात सड़क के नीचे से निकलने वाले मिट्टी को ट्रैक्टर के खुले ट्राली में ढोया जा रहा है। देर रात सुनसान सड़कों पर तेज रफ्तार ट्रैक्टर शहर की सड़कों पर मिट्टी गिराती जाती है, जबकि नियम ट्राली को ढक कर मिट्टी ढोने का है।

विशनपुर से लेकर ट्रैफिक चौक तक दिनभर हवा में उड़ता धूल-कण का गुबार दिख रहा है। हालत यह है कि सड़क किनारे पेड़ पौधों के पत्ते धूलकण से पटे हैं वहीं सड़क किनारे लगाए गए वाहनों के शीशे व छत पर कुछ ही देर में धूल की परत जम रही है।

क्या है नुकसान

बढ़ते प्रदूषण व हवा में सूक्ष्म धूलकण की मात्रा बढ़ने से कैंसर, मधुमेह, अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी और स्ट्रोक जैसी परेशानी लोगों को होती है। प्रदूषण के हाई लेवल PM 2.5 के संपर्क में आने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त धूलकण की अधिकता आखों के लिए भी नुकसानदेह है। हृदय रोग संबंधित बीमारी या लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती हैं, सूचकांक खराब स्थिति में यह और भी बढ़ सकती हैं। खासकर अस्थमा के मरीजों को खुद को बचाने की जरूरत है।

प्रदूषण से कैसे बचें

प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए को फिट रखें। सुबह-सुबह उठकर व्यायाम या फिर जागिंग करें, घर से बाहर निकलते वक्त अच्छी गुणवत्ता के मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। घर के अंदर पौधे लगाएं, खान-पान का ध्यान रखें। इम्युनिटी बूस्टर फल और सब्जियों को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही समय समय पर अपने आसपास की वायु गुणवत्ता की जांच करते रहें और दुष्प्रभाव दिखते ही चिकित्सक की सलाह लें।

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