Barauni Junction: बरौनी जंक्शन पर यहां होगा नए आरओबी का निर्माण, 3 लाख लोगों को मिलेगी राहत
बरौनी जंक्शन पर गुमटी संख्या-7 बी और 61 स्पेशल पर आरओबी निर्माण का टेंडर होने से तीन लाख की आबादी में खुशी की लहर है। 50 साल पुरानी मांग पूरी होने पर लोगों ने जश्न मनाया। आरओबी निर्माण के लिए 12650.63 लाख और 5717.24 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है और निर्माण कार्य क्रमशः 30 और 24 महीने में पूरा होगा।

संवाद सूत्र, बरौनी (बेगूसराय)। तीन लाख की आबादी का उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब उन्हें खबर मिली कि बरौनी जंक्शन के पश्चिमी छोर स्थित गुमटी संख्या-7 बी पर आरओबी निर्माण का टेंडर हो गया है। हर चेहरे पर मुस्कान थी, जो उक्त गुमटी होकर अक्सर आवागमन करते हैं।
यह मांग 10-20 वर्षाें की नहीं, बल्कि 50 वर्ष पुरानी है। धरना-प्रदर्शन, अनशन, वोट बहिष्कार जैसे आंदोलन कई बार हुए। आखिरकार लोगों के संघर्ष और जनप्रतिनिधियों के जुझारू प्रयास से बड़ी आबादी को आरओबी की सौगात मिल गई। इसके साथ ही गुमटी संख्या-61 स्पेशल पर आरओबी के निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
आरओबी के लिए प्रयासरत लाइफलाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बरौनी के निदेशक डॉ. हेमंत कुमार ने लड्डू बांटकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने बिहार सरकार के मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को आरओबी निर्माण में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, गुमटी संख्या-7 बी पर 332 मीटर लंबे आरओबी के निर्माण के लिए प्राक्कलित राशि 12650.63 लाख रुपये है। निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि 30 महीने की है। वहीं, गुमटी संख्या -61 स्पेशल पर 226 मीटर लंबे आरओबी निर्माण के लिए प्राक्कलित राशि 5717.24 लाख रुपये है। इसके निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि 24 महीने है।
बताते चलें कि उक्त गुमटी के प्रायः बंद रहने से लगभग तीन लाख की आबादी को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लगभग पांच दशक से उक्त गुमटी पर आरओबी निर्माण को लेकर स्थानीय बुद्धिजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार आवाज उठाई जा रही थी।
इसके लिए स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. राकेश सिन्हा, तेघड़ा के पूर्व विधायक ललन कुंवर, विधायक रामरतन सिंह, लाइफलाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बरौनी के निदेशक डॉ. हेमंत कुमार, भाजपा नेता केशव शांडिल्य, पूर्व मुखिया विनय कुमार सिंह आदि के द्वारा बराबर प्रयास किया जा रहा था। इन लोगों का प्रयास आखिरकार रंग लाया और आरओबी निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया।
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