बिहार सरकार के राजस्व विभाग द्वारा खोदावंदपुर प्रखंड में राजस्व महाअभियान चलाया जा रहा है। राजस्व कर्मचारी घर-घर जाकर जमाबंदी पंजी बांट रहे हैं और त्रुटियों को सुधारने के लिए दस्तावेज जमा करने के लिए कह रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों को दस्तावेज जुटाने में कठिनाई हो रही है क्योंकि उनके पास बंटवारा नहीं हुआ है और खतियान जैसे दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।
अरुण कुमार मिश्रा, खोदावंदपुर (बेगूसराय)। राजस्व विभाग, बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा प्रायोजित राजस्व महाअभियान को लेकर खोदावंदपुर प्रखंड में 16 अगस्त से राजस्व कर्मियों की सक्रियता लगातार जारी है। राजस्व कर्मचारियों की टीम अपने-अपने हल्का की प्रत्येक पंचायत एवं गांव में जाकर रैयतों के बीच जमाबंदी पंजी और पंपलेट वितरित कर रही है।
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इस दौरान कर्मचारी ग्रामीणों से रसीद बुक पर हस्ताक्षर के साथ उनका मोबाइल नंबर भी ले रहे हैं। साथ ही उन्हें यह भी जानकारी दे रहे हैं कि उनके ऑनलाइन जमाबंदी पंजी में क्या-क्या त्रुटियां हैं। कहीं खाता संख्या अंकित नहीं है, तो कहीं खेसरा नंबर गायब है, किसी-किसी में नाम सही दर्ज नहीं है, तो कहीं तौजी नंबर नहीं दिया गया है।
ऐसे में कर्मचारियों द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया जा रहा है कि यदि किसी प्रकार की गलती हो तो उसे सुधार कराने के लिए सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ आने वाले दिनों में पंचायत स्तर पर लगने वाले राजस्व महा अभियान शिविर में जमा करें।
कर्मी यह भी बता रहे हैं कि यदि अब भी जमाबंदी पूर्वजों के नाम से कायम है और संबंधित रैयत की मृत्यु हो चुकी है, तो सभी उत्तराधिकारियों को अपने नाम से अलग-अलग जमाबंदी कायम कराने के लिए आपसी बंटवारा, कोर्ट का बंटवारा या सामाजिक बंटवारे का शेड्यूल बनाकर, उस पर सभी पक्षों के हस्ताक्षर कराकर वंशावली, मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा खतियान या केवाला की प्रति जैसे प्रमाण पत्र के साथ शिविर में जमा करना होगा।
हालांकि, दूसरी ओर कई ग्रामीणों की अपनी समस्याएं हैं। मेघौल वार्ड पांच के अशोक मिश्रा, वार्ड चार के रोशन कुमार सिंह एवं वार्ड छह के अनिल प्रसाद सिंह जैसे रैयत बताते हैं कि जमाबंदी पूर्वजों के नाम पर है, परंतु परिवार में किसी प्रकार का बंटवारा नहीं हुआ है। कई के पास खतियान या मृत्यु प्रमाण पत्र भी उपलब्ध नहीं है। इससे तय समय में दस्तावेज जुटाना मुश्किल हो रहा है। बरसात के मौसम में भूमि की मापी तथा अन्य कागजी प्रक्रिया भी कठिनहै।
इससे लोग असमंजस में हैं कि इतने कम समय में इतने सारे दस्तावेज कैसे एकत्र हो पाएंगे। कई ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यह सब मात्र चुनावी स्टंट है, इससे सरकार वोटरों को संदेश देना चाहती है कि वह उनकी समस्याओं को लेकर संवेदनशील है।
राजस्व कर्मियों की टीम में हल्का कर्मचारी प्रदीप कुमार, पंचायत आवास सहायक धर्मदेव ठाकुर, किसान सलाहकार रंजन रजक, विकास मित्र उषा कुमारी, मुंशी ऋषि कुमार सिंह एवं वार्ड सदस्य प्रतिनिधि अर्जुन कुमार सिंह शामिल हैं।
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