बेगूसराय में मनमाने दाम पर बिक रहे खाद-बीज, यूरिया 266 के बदले 300, डीएपी 1600 में खरीदने को मजबूर
बेगूसराय के नावकोठी प्रखंड में खाद-बीज के दाम आसमान छू रहे हैं। किसान सरकारी योजनाओं के बावजूद महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। खुदरा विक्रेता थोक विक्रेताओं पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि किसान गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं। यूरिया और डीएपी जैसी खादें निर्धारित मूल्य से अधिक पर बेची जा रही हैं, जिससे किसानों में निराशा है।
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बेगूसराय में मनमाने दाम पर बिक रहे खाद-बीज
प्रो. हरेराम सिंह, नावकोठी (बेगूसराय)। नावकोठी प्रखंड में कृषि प्रणाली पूरी तरह अव्यवस्थित होती दिख रही है। प्रखंड मुख्यालय से लेकर विभिन्न पंचायतों में करीब दो दर्जन खाद-बीज के दुकान संचालित हैं। बीज और खाद की उपलब्धता पर्याप्त होते हुए भी किसान बेहाल नजर आ रहे हैं क्योंकि दुकानदार सरकारी दर से अधिक राशि वसूल रहे हैं।
सरकार ने गेहूं, मटर, मसूर सहित अन्य बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध कराने की योजना चलाई है। बावजूद इसके, दुकानदार फायदा उठाकर किसानों की जेब पर भारी बोझ डाल रहे हैं।
थोक विक्रेता ही अधिक दाम लेते हैं
खुदरा दुकानदारों का कहना है कि थोक विक्रेता ही अधिक दाम लेते हैं, इसलिए मजबूरी में उन्हें भी महंगा बेचना पड़ता है। उनका आरोप है कि विभागीय अधिकारी केवल खुदरा दुकानदारों पर दबाव बनाते हैं, जबकि असली गड़बड़ी थोक स्तर पर होती है। गुणवत्ता को लेकर भी किसानों की चिंता बढ़ी हुई है।
खाद-बीज के नमूनों की कहीं कोई जांच नहीं होती, इससे किसान भगवान भरोसे हैं। सरकारी दर के अनुसार यूरिया की कीमत 266 रुपये प्रति बैग है, जबकि बाजार में यह तीन सौ रुपये तक में बेची जा रही है।
वहीं डीएपी 1350 रुपये के बदले 16 सौ रुपये प्रति बैग में उपलब्ध है। यहां की दुकानों में एनपीके, डीएपी, फास्फेट, पोटाश, यूरिया के साथ-साथ गेहूं बीज की श्रीराम 303, शक्तिमान 343, श्रीराम एसआरओ-5, 2967 जैसी वेराइटी मौजूद हैं।
क्या कहते हैं किसान
खाद-बीज के मूल्य में विक्रेताओं की मनमानी चल रही है। खेती का समय निकला जा रहा है, इसे देखते हुए अधिक मूल्य पर खाद लेना लाचारी है। कृषि विभाग को जिला में थोक विक्रेताओं की मनमानी पर रोक लगानी चाहिए।- शत्रुघ्न महतो, पहसारा पूर्वी गम्हरिया
दुकान में खाद बीज है, लेकिन मूल्य में एकरूपता नहीं है। किसानों की लाचारी का लाभ दुकानदार उठा रहे हैं। कृषि विभाग के आला अधिकारी से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी को सक्रिय होना चाहिए।- अनिल महतो, गांधी नगर
जब किसान ऊंची कीमत पर खाद बीज खरीद कर खेत में डालेंगे, तो किसानों की आय दोगुनी वाली बात कहावत बनकर रह जाएगी। इसे धरातल पर उतारने के लिए प्रशासन को सख्त होना पड़ेगा।- राजेश कुमार, नावकोठी
बाजार में खाद की कमी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी किसानों को ऊंची दर पर खाद लेनी पड़ती है। डीएम और डीएओ जिला के थोक विक्रेताओं पर शिकंजा कसें और बीडीओ और बीएओ प्रखंड के खुदरा विक्रेताओं पर नकेल कसें तो किसानों की आई अवश्य दोगुनी होगी।- रामबोल सिंह, पहसारा पश्चिम।

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