बेगूसराय बना सियासी अखाड़ा... PM मोदी के बाद अमित शाह और तेजस्वी ने दिखाई ताकत
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बेगूसराय की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का मंत्र दिया वहीं तेजस्वी यादव ने अधिकार यात्रा के माध्यम से महागठबंधन के लिए समर्थन मांगा। बेगूसराय की राजनीति में वामपंथ और एनडीए के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है।

रूपेश कुमार, बेगूसराय। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जिले की सियासत गरमाने लगी है। सात विधानसभा सीटों वाले बेगूसराय में महागठबंधन और एनडीए दोनों अपनी-अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं। इस समय महागठबंधन के पास चार सीटें (तेघड़ा, बखरी- सीपीआइ, चेरिया बरियारपुर व साहेबपुर कमाल - राजद) जबकि एनडीए के पास तीन सीटें (बेगूसराय, बछवाड़ा, मटिहानी) हैं।
बछवाड़ा और मटिहानी में पिछली बार जीत-हार का अंतर महज पांच सौ व बेगूसराय में पांच हजार वोटों से भी कम रहा था, ऐसे में जीत का मार्जिन बढ़ाने के साथ सभी सीटों पर जीत के लिए नेता रणनीति बना रहे हैं।
महज संजोग नहीं है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन सूबे का एक मात्र औद्योगिक नगरी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सिमरिया से बिहार अधिकार यात्रा शुरू की।
साहेबपुर कमाल तक करीब 55 किलोमीटर की यात्रा कर जनता से संवाद किया। अगले ही दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप पहुंचे, जहां उन्होंने मुंगेर व पटना जिले के प्रखंडों से आए करीब 2500 नेताओं-कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें एकजुट रहने का मंत्र दिया।
शाह ने कहा, “बेगूसराय की जनता विकास की राजनीति चाहती है, एनडीए उसी एजेंडे पर काम कर रही है।” कार्यक्रम में एक भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि अमित शाह ने एक फिर से हम सभी के अंदर जोश भर दिया है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अधिकार यात्रा में कहा कि बिहार को बेहतर बनाने के लिए यह यात्रा निकली है। अपनी जनसभाओं में एनडीए सरकार पर बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दों को लेकर तीखे हमले किए और जनता से महागठबंधन को समर्थन देने की अपील की। कहा, सूबे में बिना घूस दिए कोई काम नहीं हो रहा, साढ़े 17 माह में साढ़े तीन लाख लोगों दिया रोजगार दिया है।
बेगूसराय की राजनीति हमेशा से वामपंथ और एनडीए के इर्द-गिर्द घूमती रही है। यहां वामपंथी पार्टियों का मजबूत जनाधार रहा है, जिसे भाजपा ने बीते चुनावों में चुनौती दी।
अब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद भी आक्रामक तेवर में है। गृह मंत्री अमित शाह का यह दौरा भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि वह वामपंथ के गढ़ को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है, वहीं तेजस्वी सातों सीटों पर महागठबंधन को जीत दिलाकर कब्जा करने की कोशिश में हैं।
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