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    बेगूसराय में आबादी के अनुपात में एंबुलेंस नाकाफी, दो शिफ्ट में ही चल रही जीवनरक्षक सेवा

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 11:57 PM (IST)

    बेगूसराय में जनसंख्या के अनुपात में एंबुलेंस की कमी है, जिससे आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ रहा है। जीवनरक्षक सेवा केवल दो शिफ्टों में चल रही ह ...और पढ़ें

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    सदर अस्पताल के तीन सहित चार एंबुलेंस है खराब। फोटो जागरण

    घनश्याम झा, बेगूसराय। जिले की 35 लाख से अधिक आबादी के लिए उपलब्ध एंबुलेंस व्यवस्था हकीकत में जरूरत से काफी कम नजर आ रही है। वर्तमान में जिले में कुल 53 एंबुलेंस ही संचालित हैं, इनमें एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की 20 और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) की 31 एंबुलेंस शामिल हैं। इसके अलावा शव ढोने के लिए महज दो मर्च्यूरी एंबुलेंस उपलब्ध हैं, जो जिले जैसे बड़े क्षेत्र के लिए नाकाफी मानी जा रही हैं।

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    लोगों को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तीन शिफ्ट का प्रविधान है, लेकिन तीन शिफ्ट के बदले दो शिफ्ट में ही संचालन किया जा रहा है। जिला में किसी भी एंबुलेंस में हेल्पर पदस्थापित नहीं है। वर्तमान में चार एंबुलेंस खराब स्थिति में गैराज में है। इसमें सदर अस्पताल के तीन एंबुलेंस शामिल है। इसमें एक सदर अस्पताल में एवं एक तेघड़ा अनुमंडलीय अस्पताल में है। जिला में संचालित सभी एंबुलेंस को सप्ताह में एक दिन क्रमवार बंद रखा जाता है।

    एंबुलेंस पर जिला तैनात कर्मी

    सरकार के प्रविधान के अनुसार सभी एंबुलेंस पर तीन कर्मियों की तैनाती होनी है। इसमें एक ईएमट, एक चालक एवं एक हेल्पर, लेकिन जिला में चालकों की संख्या 107, ईएमटी की संख्या 100 एवं हेल्पर के रूप में कोई पदस्थापित नहीं है। सिर्फ सदर अस्पताल में संचालित शव वाहन में एक हेल्पर कार्यरत है।

    इन लोगों को एंबुलेंस से मिलती है निश्शुल्क सेवा

    सरकार के द्वारा प्रसव पीड़िता को घर से अस्पताल तक लाने एवं प्रसव के पश्चात घर पहुंचाने की सुविधा 102 नंबर पर डायल कर लेने पर निश्शुल्क उपलब्ध है। सीनियर सिटीजन के लिए भी अस्पताल लाने एवं इलाज के पश्चात घर पहुंचाने तक की सुविधा पूर्व में दी जा रही थी लेकिन वर्तमान संचालक कंपनी के द्वारा सीनियर सिटीजन को इलाज के बाद घर पहुंचाने में कटौती कर दी गई है।

    यही हाल सड़क दुघर्टना वाले मरीजों को दुर्घटना स्थल से अस्पताल लाया तो जाता है, लेकिन ठीक होने पर घर नहीं पहुंचाया जा रहा है। इसमें भी कंपनी ने कटौती कर दी है। वहीं शव ढ़ोने वाली एंबुलेंस की बात करें तो सरकारी अस्पताल में मरीज के निधन होने के बाद जिला के अंदर निश्शुल्क घर पहुंचाया जाता है, जबकि कंपनी के द्वारा जिला के बाहर के शव को पहुंचाने की सुविधा समाप्त कर दी गई है।

    कहते हैं अधिकारी

    सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार व डीपीएम मो. नसीम रजी ने बताया कि जिला में एंबुलेंस सेवा की स्थिति काफी बेहतर है। 102 नंबर पर डायल कर इसकी सेवा उपलब्ध होती है। जिला में 53 एंबुलेंस हैं। आवश्यकता के अनुसार प्रखंडों के पीएचसी एवं सीएचसी में आपात कालीन सेवा के लिए एंबुलेंस उपलब्ध है। तकनीकी कारणों से एक दो एंबुलेंस का खराब होती रहती है उसे ठीक कर संचालन को सुचारू रखा जाता है।