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    Congress Vs CPI: महागठबंधन में दरार! इस सीट पर भाकपा और कांग्रेस आमने-सामने

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 05:07 PM (IST)

    बेगूसराय जिले के बछवाड़ा में महागठबंधन में दरार दिख रही है, जहां भाकपा और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। भाकपा से अवधेश कुमार राय और कांग्रेस से शिव प्रकाश गरीबदास ने नामांकन किया है। राजद ने दूरी बनाए रखी है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है। पिछले चुनाव में भाजपा ने भाकपा को मामूली अंतर से हराया था। इस बार महागठबंधन के वोट बैंक बंटने से भाजपा को फायदा हो सकता है।

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    रूपेश कुमार, बेगूसराय। बेगूसराय जिले की बछवाड़ा विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। महागठबंधन में दरार साफ दिखाई देने लगी है। यहां गठबंधन के दो घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं।

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    भाकपा से अवधेश कुमार राय और कांग्रेस से शिव प्रकाश गरीबदास ने नामांकन किया है। दोनों को अपनी-अपनी पार्टी से सिंबल मिल जाने के बाद यह तय माना जा रहा है कि बछवाड़ा में अब दोस्ताना संघर्ष होगा। वहीं जनसुराज से माकपा के पूर्व नेता रामोद कुंवर को टिकट मिला है।

    नामांकन के दौरान दोनों प्रत्याशियों के जुलूस में अलग-अलग झंडे और नारेबाजी देखने को मिली। राजद ने अब तक दोनों से दूरी बनाए रखी है। सूत्रों का कहना है कि राजद का एक स्थानीय नेता भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर सकता है, इससे मुकाबला और दिलचस्प होने का आसार हैं।

    बछवाड़ा सीट महागठबंधन के तहत भाकपा के खाते में गई थी, परंतु 2020 के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी अवेधश राय और शिवप्रकाश गरीब दास के बीच सीधा मुकाबला तय हो गया है।

    पिछली बार भाजपा के सुरेंद्र मेहता ने भाकपा के अवधेश राय को महज 484 वोटों के मामूली अंतर से पराजित किया था। उस चुनाव में सुरेंद्र मेहता को 54,738 वोट (30.21%) और अवधेश राय को 54,254 वोट (29.94%) मिले थे। कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीबदास ने तब निर्दलीय रूप से ताल ठोकी थी और 39878 वोट हासिल किए थे।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार महागठबंधन के भीतर यह मुकाबला भाजपा के लिए अप्रत्यक्ष लाभ का कारण बन सकता है, क्योंकि कांग्रेस और भाकपा दोनों के पारंपरिक वोट बैंक एक-दूसरे में बंट सकते हैं। वहीं, राजद की चुप्पी भी कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है।

    ग्रामीण इलाकों में भाकपा का परंपरागत प्रभाव और गरीब तबके में कांग्रेस की पैठ के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता किस पर भरोसा जताती है। फिलहाल, बछवाड़ा का चुनावी मैदान एक बार फिर सियासी गर्मी से तपने लगा है।