Bihar News: 'साहब मैं 86 साल की हूं, लेकिन आधार में उम्र है 36?', वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में अजब-गजब खेल
बांका जिले के नरौन गांव में 86 वर्षीय विधवा सुदामा देवी आधार कार्ड में गलत जन्मतिथि के कारण पेंशन से वंचित हैं। आधार कार्ड में उनकी उम्र 36 वर्ष दर्ज है जबकि उनके बेटे 63 वर्ष के हैं और उन्हें वृद्धा पेंशन मिल रही है। सुदामा देवी इस समस्या के समाधान के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर काट रही हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है।

जागरण संवाददाता, शंभूगंज (बांका)। व्यवस्था की कमजोरी के कारण गरीब, असहाय व जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ताजा मामला नरौन गांव से सामने आया है। आधार कार्ड में तकनीकी त्रुटियों के कारण 86 वर्षीय विधवा सुदामा देवी पेंशन की टेंशन झेल रही हैं।
विधवा को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि महिला के पुत्र विनोद कुमार की उम्र 63 वर्ष है। विनोद को वृद्धा पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। सुदामा देवी पेंशन के लिए कभी मुखिया तो कभी प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगा रही हैं।
दरअसल, मालडीह पंचायत की सुदामा देवी के आधार कार्ड में जन्मतिथि 1.1.1986 यानी मात्र 36 वर्ष अंकित है। जबकि पुत्र की उम्र 1.1.1960 यानी 63 वर्ष है। पिछले कई दिनों से बेटा भी पेंशन लेने के लिए अपनी मां के साथ प्रखंड पहुंचा था। बीडीओ व अन्य कर्मचारियों से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब बेटा 63 साल का है तो मां 36 साल की कैसे हो सकती है। आधार कार्ड में उम्र सही कराने के लिए काफी चक्कर लगाया, लेकिन नहीं हो रहा है। तकनीकी त्रुटियों का बोझ बूढ़ी मां पर क्यों डाला जा रहा है? बीडीओ ने उक्त महिला और बेटे को जन्म प्रमाण पत्र बनवाने और आधार में नाम सही कराने को कहा है।
इस संबंध में बीडीओ नीतीश कुमार ने बताया कि ऐसा मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड में सुधार कराए बिना प्रखंड स्तर पर समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह स्थिति सिर्फ सुदामा देवी की नहीं है, बल्कि प्रखंड के कई अन्य लोग भी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं।
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