बोलबम का जयघोष सुनने को ग्रामीण बेताब
संसू चांदन (बांका) ज्यों-ज्यों श्रावणी मेला की तिथि नजदीक आ रही है मेले की तैयारी को लेकर प्रशासनिक महकमे की चहल-पहल बढ़ गई है। पूरा प्रशासनिक महकमा कांवरिया को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को चौकस कर दिया गया है।
- प्रशासनिक महकमा कांवरियों को सुविधा उपलब्ध कराने में जुटा
संसू, चांदन (बांका): ज्यों-ज्यों श्रावणी मेला की तिथि नजदीक आ रही है, मेले की तैयारी को लेकर प्रशासनिक महकमे की चहल-पहल बढ़ गई है। पूरा प्रशासनिक महकमा कांवरिया को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को चौकस कर दिया गया है। दो साल बाद होने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं के बोलबम की जयघोष सुनने के लिए आसपास के ग्रामीण बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस मेले की शुरुआत 14 जुलाई से होने वाली है। इसके लिए कई बार विभागीय अधिकारी कांवरिया पथ का निरीक्षण कर चुके हैं। साथ ही साथ प्रत्येक विभाग को अपनी-अपनी ड्यूटी देकर अंतिम तैयारी करने का निर्देश दिया जा चुका है। गौरतलब है कि मेले में शांति व्यवस्था कायम रखने तथा कांवरिया को हर संभव सुविधा मुहैया कराने के बाबत जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन ने भी कमर कस लिया है। बैठक के माध्यम से प्रशासन द्वारा व्यवस्था के प्रत्येक बिदु पर विस्तृत विचार-विमर्श हो चुका है। साथ ही साथ मेले में प्रशासनिक रूपरेखा क्या होगी उसे भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रावणी मेले में भागलपुर, मुंगेर, बांका की ओर से प्रशासनिक स्तर पर तैयारी होती है। लेकिन सबसे लंबी दूरी बांका जिले में होने के कारण यहां स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेयजल आदि की सबसे अधिक व्यवस्था करनी होती है। इसके लिए दर्जन भर स्वास्थ्य उपकेंद्र भी बनाए जाते हैं। सुरक्षा के लिए जगह-जगह पुलिस कैम्प भी बनाया जाता है। यहां रहने वाले पुलिस अधिकारी पूरे कांवरिया पथ पर गश्ती करते हैं। पीएचईडी पानी की सुविधा के साथ शौचालय, साफ सफाई की व्यवस्था को भी अंतिम रूप दे रहा है। पूरी प्रशासनिक तैयारी को देख कर लगता है कि इस वर्ष कांवरिया को अपनी यात्रा में सारी सुविधा ससमय मिल जाएगी।