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    बैजनाथ धाम जा रहे 'बिच्छू बम' को है रामलला से प्यार, अयोध्या में मंदिर बनने की खुशी में लिया ऐसा अनोखा संकल्प

    By Kundendru Kumar SinghEdited By: Shivam Bajpai
    Updated: Mon, 10 Oct 2022 05:48 PM (IST)

    यूपी के बलिया से सुल्तानगंज पहुंचते ही बिच्छु बम बनने का संकल्प लिया। खुशी है कि मेरे रामलला का मंदिर बन रहा है। ऐसे ही देवघर जाऊंगा। यही संकल्प लिया है। सुल्तानगंज से चले 62 दिन हो गए हैं। ऐसा कहना है अनोखा संकल्प लेने वाले अशोक गिरी का।

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    बिच्छु बम बन बाबा बैजनाथ धाम जाते अशोक गिरी...

    संवाद सूत्र, बेलहर (बांका): अयोध्या की धरती पर राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होते ही सनातन धर्म के लोगों में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया है। भगवान राम के भक्त सदियों पुरानी मन्नतें पूरी होने पर विभिन्न तीर्थ स्थलों का यात्रा कर रहे हैं। इसी कड़ी में यूपी बलिया के लखनेश्वर नगरी के निवासी अशोक गिरी उर्फ मन्नू सोनी अशोक गिरी, जो जूना अखाड़े के साधु भी हैं। वो बिच्छू बम बनकर 108 दिवसीय बाबाधाम और बासुकीनाथ धाम की यात्रा पर हैं। रामलला का मंदिर बनने की खुशी में वे ऐसे ही बाबा धाम की ओर जल लेकर जा रहे हैं।

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    वे 62 वें दिन जिला सीमा स्थित धौरी पहुंचे हैं। उनके दर्शन के लिए कांवरिया पथ पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। वर्ष 2020 में वे 108 दिवसीय अमरनाथ यात्रा भी पूरी कर चुके हैं। 15 वर्ष कांवर और 10 वर्ष तक डाक कांवर की यात्रा भी पूरी कर चुके हैं। प्रत्येक पूर्णिमा को भी बाबाधाम और बासुकीनाथ धाम में जल अर्पण कर चुके हैं।

    दैनिक जागरण से बातचीत में अशोक गिरी ने बताया कि बचपन में ही उनके पिता की हत्या हो गई थी। गुरुदेव ने ही उनके सभी भाई -बहनों और स्वजनों की परवरिश की है। बचपन में ही वैरागी जीवन की तरफ आकर्षित हो गया। गुरुदेव ने ही जूना अखाड़े में ले जाकर दीक्षा दी। इसके बाद 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल कई धामों का यात्रा किया। बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ धाम का कांवर और डाक कांवर के रूप में 25 वर्षों तक यात्रा की।

    उन्होंने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ। जिसकी खुशी में डाक कांवर की यात्रा के लिए घर से निकले। सुल्तानगंज पहुंचने के बाद इच्छा बदल गई। 108 दिनों की बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम की यात्रा का संकल्प लेकर बिच्छू बम के रूप में निकल गए। दोनों हाथों के सहारे बाबाधाम की तरफ बढ़ रहे हैं। इतना कहते हुए वे जय श्री राम का जयघोष करते हुए बैजधाम धाम के लिए रवाना हो गए।