अरबों के तटबंध पर लगी बालू माफिया की नजर
बांका। लॉकडाउन में बालू खनन शुरू होते ही जिला भर में बालू माफिया सक्रिय हो गए हैं। नदी में बालू कम हो जाने पर उनकी नजर अब चांदन नदी पर अरबों की लागत से बने तटबंध पर लग गई है।
बांका। लॉकडाउन में बालू खनन शुरू होते ही जिला भर में बालू माफिया सक्रिय हो गए हैं। नदी में बालू कम हो जाने पर उनकी नजर अब चांदन नदी पर अरबों की लागत से बने तटबंध पर लग गई है।
दोमुहान से लेकर अमरपुर घोघा बियर के नीचे प्रतिबंधित घाट तक बालू माफिया सक्रिय हो गए हैं। घोघ बियर से नीचे जहां बालू उठाव वर्षों से प्रतिबंधित है, वहां भी उसी रफ्तार में बालू का उठाव हो रहा है। रात की कौन पूछे दिन में भी तटबंध काट कर बालू उठाव किया जा रहा है। नदी का तटबंध कटना आने वाले बरसात में प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है। पुलिस केवल अभी तमाशा देख रही है। कोई अधिकारी इसके खिलाफ कभी जरा सी कोशिश करते हैं तो माफिया उन्हें सबक सिखाना नहीं भूलते हैं। सोमवार को बांका थाना क्षेत्र के लखनौड़ी में खनन पदाधिकारी महेश्वर पासवान पर हमला भी माफिया की ही करतूत है। बांका थाना क्षेत्र में ही गोहालू और करमा घाट का तटबंध लगातार काटा जा रहा है, जबकि प्रशासन ने इस जगह लाखों रुपये खर्च कर बालू की बोरी से बांध बंधवाया है।
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3.56 करोड़ जुर्माना का केस दर्ज
खनन पदाधिकारी पर हमला प्रकरण में पुलिस ने उनके बयान पर 31 लोगों को नामजद किया है। इसमें आधा दर्जन लोग दबंग पंचायत प्रतिनिधि के स्वजन हैं। उनका नाम पहले भी बालू के अवैध खनन में शामिल होता रहा है। खनन पदाधिकारी ने बांका थाना में दर्ज केस में कहा है कि लखनौड़ी में चांदन नदी बांध का सुरक्षा तटबंध काटने की सूचना पर वे पहुंचे थे। इस दौरान 20 ट्रैक्टर बांध से बालू उठाव कर रहा था। 50-60 लोग अवैध हथियार के साथ बालू लोड करा रहे थे। उन्हें देख सभी ने उनके वाहन पर हमला कर सभी ट्रैक्टर लेकर भाग खड़े हुए। केस में जिला पार्षद के पुत्र पप्पू यादव, प्रमुख बमबम यादव के पुत्र राजन यादव, विभीषण यादव के पुत्र सौरभ यादव, गुंजन यादव, लोजपा के पूर्व नेता उपेंद्र राणा, मोहन यादव, प्रदीप यादव, शंभू मंडल, अमरनाथ भारती, अनुज राणा सहित 31 लोग नामजद किए गए हैं। केस में इन सभी पर नौ लाख 60 हजार घनफीट बालू उठाकर 3.56 करोड़ रुपये राजस्व नुकसान का जुर्माना भी लगाया गया है।
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एसडीओ से एसडीपीओ तक पर हमला
पुलिस और प्रशासन बांका में अक्सर बालू माफिया सामने घुटने टेकती रही है। अवैध बालू उठाव रोकने का प्रयास करने वाले हर अधिकारी पर हमला हुआ। लेकिन कभी पुलिस ने इनके खिलाफ सख्ती नहीं की। मौजूदा एसडीओ मनोज कुमार चौधरी पर शुरुआती दौर में ही मजलिशपुर में हमला हो गया था। इसमें भी कई बालू माफिया पर केस हुआ। अधिकारी को माफिया की ताकत पर पीछे हटना पड़ा। कुछ महीने पूर्व ही मौजूदा एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव व पूर्व खनन पदाधिकारी विजय सिंह पर अमरपुर के महगामा में बालू माफिया ने जानलेवा हमला कर दिया था। इस एसडीपीओ पर इससे पहले रजौन में भी हमला हो गया। छह महीने पूर्व ही पुलिस ने बालू की अवैध कमाई वाले कई माफिया की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया, लेकिन यह फाइल ठंडे बस्ते में दब गई। मंगलवार को खनन पदाधिकारी ने जिस सौरभ यादव को नामजद किया है, उसके पिता विभीषण यादव की संपत्ति जब्त करने का पूर्व से आदेश जारी है। अधिकारी के केस के बाद माफिया बेल लेकर फिर बालू की मलाई में जुट जाते हैं। पुलिस द्वारा बालू माफिया के खिलाफ नकेल नहीं कसे जाने पर ही अब सवाल उठने लगा है। नदी का बालू उठ जाने से पहले ही सिचाई और पेयजल की समस्या बनी हुई है। अब तटबंध कट जाने से बाढ़ के खतरों के साथ सरकार का अरबों खर्च बेकार हो रहा है।
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कोट
अवैध बालू खनन के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। माफिया की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव राज्य मुख्यालय में लंबित है। जिला में कई थानेदार को अवैध बालू उठाव रोकने में विफल रहने पर दंडित किया गया है। आगे भी इसको लेकर सख्ती बरती जा रही है।
अरविद कुमार गुप्ता, एसपी, बांका