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    बांका के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की बदहाली, बच्चों की थाली से गायू हुईं हरी सब्जियां गायब

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 03:47 PM (IST)

    बांका जिले के शंभुगंज प्रखंड के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति खराब है। बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा, थाली से हरी सब्जियां गायब हैं। स्कूलों में केवल पानी जैसी दाल और आलू की सब्जी परोसी जा रही है। कई स्कूलों में रसोइयों की कमी है और शिक्षक अनुपस्थित हैं। नियमित जांच के अभाव में व्यवस्था बिगड़ी हुई है।

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    बच्चों की थाली से गायब हो रही हरी सब्जियां

    संवाद सहयोगी, शंभुगंज (बांका)। प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की स्थिति बेहद चिंताजनक है। मेन्यू के अनुसार पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की बात तो दूर, अब बच्चों की थाली से हरी सब्जियां भी गायब हो गई हैं। स्कूलों में केवल पानी मिली दाल और आलू की सब्जी परोसकर खानापूर्ति की जा रही है। ऐसे में बच्चों में कुपोषण मिटाने का उद्देश्य बेमानी साबित हो रहा है।

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    गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने प्रखंड के कई विद्यालयों का जायजा लिया। प्राथमिक विद्यालय बढ़ैत में सुबह 11 बजे तक भोजन चूल्हे पर नहीं चढ़ा था। एक खाली चूल्हे पर चावल की हांडी रखी थी और रसोइया आलू काट रही थी। पूछने पर बताया गया कि चावल बनाते-बनाते ईंधन खत्म हो गया, शिक्षक इंधन लाने गए हैं।

    धरमपुर हरिजन टोला की स्थिति और भी बदतर

    प्राथमिक विद्यालय धरमपुर हरिजन टोला में 50 बच्चे एक ही कमरे में किसी तरह बैठे थे। एकमात्र शिक्षिका लक्ष्मी छड़ी हाथ में लेकर दरवाजे पर बैठी थीं, जबकि बाकी चार शिक्षक अनुपस्थित थे। रसोइया केवल चावल और दाल बना रही थी, सब्जी का कोई नामोनिशान नहीं था। बच्चों ने बताया कि अंडा महीनों से नहीं मिला और सब्जी कभी-कभार ही बनती है।

    350 बच्चों पर सिर्फ दो रसोइये

    मध्य विद्यालय धरमपुर में भोजन बन रहा था, लेकिन विद्यालय प्रभारी ने बताया कि 350 बच्चों के भोजन की जिम्मेदारी केवल दो रसोइयों पर है। बुनियादी विद्यालय गढ़ी कुर्मा में चावल-दाल और आलू-बैंगन की सब्जी बन रही थी, मगर शिक्षक पढ़ाई छोड़ छात्रों से बिजली तार जोड़वा रहे थे।

    प्राथमिक विद्यालय कुर्मा कन्या में बच्चे चावल-दाल और चोखा खा रहे थे। भोजन के बाद बच्चे जूठी थाली लेकर सड़क किनारे चापानल पर दौड़ लगाते दिखे। सलाद किसी भी विद्यालय में नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालयों की नियमित जांच न होने से व्यवस्था बिगड़ी हुई है। जांच केवल कागजी खानापूर्ति बनकर रह गई है।

    विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण भोजन न मिलना गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में नियमित जांच कराई जाएगी और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।- भूपेंद्र सिंह , प्रभारी बीईओ