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    गेरुआ नदी पर चेकडैम की आस में नहीं बुझ पा रही खेतों की प्यास, दो दशक पुरानी मांग आज भी अधूरी

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 01:04 PM (IST)

    बांका के धोरैया में गेरुआ नदी में पानी की कमी से किसान परेशान हैं। नदी पर चेकडैम बनाने की पुरानी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। बालू के उत्खनन और अतिक्रमण ने नदी को नुकसान पहुंचाया है जिससे सिंचाई प्रभावित हुई है। किसान चेकडैम निर्माण से खुशहाली की उम्मीद कर रहे हैं ताकि खेतों को पर्याप्त पानी मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे।

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    चेकडैम की आस में नहीं बुझ पा रही खेतों की प्यास। फोटो जागरण

    बोध नारायण तिवारी, धोरैया (बांका)। गेरुआ नदी की गहराई और डाड़ की ऊंचाई के कारण पंजवारा से सन्हौला तक हजारों एकड़ खेत अब भी सिंचाई से वंचित हैं। किसानों की दो दशक पुरानी मांग है कि नदी पर चेकडैम बने, लेकिन आज तक यह मांग अधूरी है।

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    ढाई दशक पहले तक नदी में पर्याप्त पानी रहता था जिससे बीस हजार एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई होती थी और किसानों में खुशहाली थी।  बालू उठाव और अतिक्रमण ने नदी की सेहत बिगाड़ दी है। नदियों के तटबंध पर बने आउटलेट अब शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं, क्योंकि जलस्तर इतना गिर गया है कि पानी खेतों तक पहुंच ही नहीं पाता।

    किसान मजबूरी में बोरिंग का सहारा लेते हैं या वर्षा के भरोसे खेती करते हैं।  किसानों का कहना है कि पहले जब वर्षा होती थी तो गेरुआ नदी, डाड़ और बांध पानी से लबालब भर जाते थे। खेतों की हरियाली देखते ही बनती थी, लेकिन अब अतिक्रमणकारियों ने नदी की जमीन पर कब्जा कर खेती-बागवानी शुरू कर दी है।

    डाड़ और बांध लगभग गायब हो चुके हैं। नतीजा यह है कि धोरैया के किसानों की उम्मीदें चेकडैम निर्माण पर टिकी हैं, ताकि एक बार फिर उपजाऊ खेतों को सिंचाई मिल सके और खुशहाली लौट सके।

    लोगों की राय

    सिंचाई समस्या को दूर करने से ही क्षेत्र में खुशहाली आएगी। किसानों की मांगों पर सभी को ध्यान देने की जरुरत है। - मु. सईद अहमद, सेवानिवृत्त शिक्षक

    सड़क, स्वास्थ्य के साथ किसानों की समस्या पर ध्यान देना जरुरी है। गेरुआ नदी गहरी हो गई है। प्रशासन को बालू उठाव पर रोक लगाने की जररुत है। - सुधीर चंद्र दास

    नदी पहले क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी थी। अतिक्रमण पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सरकार को इस पर पहल करने की जररुत है। - मु. मजहर

    खेत के लिए जीवनदायिनी नदी को बचाने से ही किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। - मिथलेश कुमार सिन्हा

    गेरुआ नदी में चेकडैम निर्माण के लिए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। उनके पहल पर विभाग ने सर्वे भी कराया है। इसके निर्माण के लिए वे लगे हुए हैं। - भूदेव चौधरी ,राजद विधायक