गेरुआ नदी पर चेकडैम की आस में नहीं बुझ पा रही खेतों की प्यास, दो दशक पुरानी मांग आज भी अधूरी
बांका के धोरैया में गेरुआ नदी में पानी की कमी से किसान परेशान हैं। नदी पर चेकडैम बनाने की पुरानी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है। बालू के उत्खनन और अतिक्रमण ने नदी को नुकसान पहुंचाया है जिससे सिंचाई प्रभावित हुई है। किसान चेकडैम निर्माण से खुशहाली की उम्मीद कर रहे हैं ताकि खेतों को पर्याप्त पानी मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरे।

लोगों की राय
सिंचाई समस्या को दूर करने से ही क्षेत्र में खुशहाली आएगी। किसानों की मांगों पर सभी को ध्यान देने की जरुरत है। - मु. सईद अहमद, सेवानिवृत्त शिक्षक
सड़क, स्वास्थ्य के साथ किसानों की समस्या पर ध्यान देना जरुरी है। गेरुआ नदी गहरी हो गई है। प्रशासन को बालू उठाव पर रोक लगाने की जररुत है। - सुधीर चंद्र दास
नदी पहले क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी थी। अतिक्रमण पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। सरकार को इस पर पहल करने की जररुत है। - मु. मजहर
खेत के लिए जीवनदायिनी नदी को बचाने से ही किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। - मिथलेश कुमार सिन्हा
गेरुआ नदी में चेकडैम निर्माण के लिए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। उनके पहल पर विभाग ने सर्वे भी कराया है। इसके निर्माण के लिए वे लगे हुए हैं। - भूदेव चौधरी ,राजद विधायक
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