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    Machli Palan: बदल रही मछली पालकों की तस्वीर, बांका बनेगा मत्स्य हब; सरकार दे रही 2 करोड़ तक का अनुदान

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 02:13 PM (IST)

    बांका जिले में अनुदान ने मछली पालन को बढ़ावा दिया है, जिससे मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। बांका को मत्स्य हब बनाने के प्रयास जारी हैं, ज ...और पढ़ें

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    संवाद सूत्र, बांका। जिले में मछली पालन और इससे जुड़े कारोबार से जुड़े किसानों व उद्यमियों के लिए बड़ा अवसर खुला है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के तहत अब किसान समूह बनाकर मछली उत्पादन, प्रोसेसिंग, स्टोरेज और विपणन का काम बड़े स्तर पर कर सकेंगे।

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    इस योजना के तहत सरकार द्वारा 35 प्रतिशत या अधिकतम दो करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इससे न केवल मछली उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे।

    जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि यह योजना मछली उत्पादन, प्रोसेसिंग और गुणवत्ता सुधार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। जिले में हर साल 13 हजार टन से अधिक मछली का उत्पादन हो रहा है, जिसमें पंगास मछली का उत्पादन सर्वाधिक है।

    वर्तमान में जिले में चार हेचरी संचालित हैं, जिनमें मछली बीज उत्पादन हो रहा है। पहले जहां बाहर से मछली बीज मंगाने की आवश्यकता पड़ती थी, वहीं अब बांका धीरे-धीरे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। आने वाले समय में हेचरी की संख्या बढ़ने से स्थानीय स्तर पर मछली बीज की उपलब्धता और बढ़ेगी।

    सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद किसानों को योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा।

    स्वयं सहायता समूह, छोटे उद्यमी, सहकारी समितियां और मत्स्य किसान इससे जुड़कर उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग तक की पूरी श्रृंखला में भागीदारी कर सकते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय दोनों में वृद्धि होगी।

    पांच हजार से अधिक निजी तालाब, तकनीक से बढ़ा उत्पादन

    मत्स्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 850 सरकारी तालाब एवं पांच हजार से अधिक निजी तालाब हैं। हाल के वर्षों में युवाओं में मत्स्य पालन को लेकर काफी उत्साह बढ़ा है।

    यहां बायोफ्लाक, आरएस तकनीक और लाइनर तालाब निर्माण जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग से उत्पादन क्षमता बढ़ी है। आकांक्षी जिला योजना के तहत ओढ़नी डैम में 72 लाख रुपये की लागत से केज कल्चर व्यवस्था विकसित की गई है, जहां बड़े पैमाने पर मछली पालन किया जा रहा है।

    मछली उत्पादन से लेकर बिक्री और प्रोसेसिंग तक युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के तहत 35 प्रतिशत या अधिकतम दो करोड़ रुपये तक अनुदान दिया जा रहा है। - मनोज कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, बांका