चांदन डैम से पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसानों का समाहरणालय गेट पर धरना, डीएम को सौंपा ज्ञापन
चांदन डैम से पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों ने समाहरणालय पर धरना दिया। उनका कहना है कि बारिश न होने से धान की फसलें सूख रही हैं और अधिकारियों की लापरवाही से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द पानी नहीं छोड़ा गया तो फसलें बर्बाद हो जाएंगी और मध्यमवर्गीय किसान सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

संवाद सूत्र, बांका। चांदन डैम से पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर गुरुवार को किसानों ने समाहरणालय गेट पर एक दिवसीय धरना दिया। उपस्थित किसानों ने कहा कि पानी की कमी से धान की फसलें सूखने के कगार पर हैं। इस दौरान किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर डीएम नवदीप शुक्ला को ज्ञापन सौंपा।
धरना की अगुवाई पूर्व जिला परिषद सदस्य मनोज सिंह चंद्रवंशी ने करते हुए कहा कि लगातार 30 दिनों से बारिश नहीं हो रही है। इससे सूखे जैसे हालात हो गए हैं। इस दौरान धान पौधों में फल लगना होता है और पानी की अधिक आवश्यकता होती है। लेकिन विभागीय लापरवाही से खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
आरोप लगाया कि जब किसानों ने इस संबंध में जानकारी मांगी तो अधिकारियों ने डैम के फाटक में तकनीकी गड़बड़ी और मरम्मती के लिए फंड की कमी की बात कही। पूर्व जिप सदस्य ने बताया कि बांका के अलावा धोरैया क्षेत्र की बड़ी आबादी की सिंचाई चांदन डैम से होती है। पर प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
चेतावनी दी कि अगर समय रहते पानी नहीं छोड़ा गया तो हजारों एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। किसानों ने कहा कि सबसे ज्यादा संकट मध्यमवर्गीय किसानों पर है। जो कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं।
डीजल का दाम बढ़ने से वैकल्पिक सिंचाई व्यवस्था उनके लिए संभव नहीं है। किसानों ने अफसोस जताया कि इतनी गंभीर समस्या के बावजूद कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी आवाज नहीं उठा रहे हैं।
मौके पर नंदलाल राय, महेश राय, सुभाष यादव, अशोक पंडित, प्रदीप पासवान, प्रकाश राय, भोला सिंह, मंटू सिंह, उमाशंकर ठाकुर, उमेश ठाकुर, विनोद सिंह, दीपक कुमार सिंह, विजय राय आदि मौजूद थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।